गाज़ीपुर। कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री से जुड़े बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (Food Safety and Drug Administration, Uttar Pradesh) की जांच में 7,82,800 बोतलें स्टॉक से गायब पाई गईं। इन बोतलों की अनुमानित कीमत 11.5 करोड़ रुपये बताई गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर 7 लोगों के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है।मामला तब सामने आया जब लखनऊ स्थित विभागीय मुख्यालय (Lucknow) से 11 नवंबर 2025 को एक पत्र जारी किया गया। यह पत्र Shaili Traders द्वारा वाराणसी (Varanasi) और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में की गई भारी बिक्री के रिकॉर्ड की जानकारी के लिए भेजा गया था। इसके बाद गाजीपुर के औषधि निरीक्षक ने 14 से 20 नवंबर 2025 के बीच कुल 6 फर्मों का सत्यापन किया।जांच की जद में आईं प्रमुख फर्मों में Ansh Medical Agency, Shubham Pharma, Nityansh Medical Agency और Radhika Medical Agency शामिल रहीं। इन प्रतिष्ठानों पर किसी भी प्रकार की औषधि का भंडारण या क्रय-विक्रय नहीं मिला। वहीं Maurya Medical Store और Swastik Medical Agency में सामान्य दवाओं का भंडारण पाया गया, लेकिन कोडीन या नारकोटिक्स दवाओं से जुड़ा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया।विभागीय जांच में सामने आया कि इन सभी फर्मों ने Shaili Traders से बड़ी मात्रा में कफ सिरप की खरीद तो दिखाई, लेकिन भौतिक सत्यापन में यह स्टॉक मौजूद नहीं पाया गया। आरोप है कि औषधि बिक्री अनुज्ञप्ति का दुरुपयोग कर, बिना चिकित्सकीय परामर्श और कानूनी औपचारिकताओं के, कोडीन सिरप को खुले बाजार में नशे के लिए बेच दिया गया।विशेषज्ञों के अनुसार कोडीन सिरप का गैर-चिकित्सकीय उपयोग युवाओं और नशे के तस्करों के बीच आम है। इसके सेवन से लत, बेहोशी, और गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं। प्रशासन ने इसे संगठित अवैध कारोबार बताते हुए सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।जांच अभी जारी है और आरोपियों की भूमिका तथा वितरण नेटवर्क को लेकर परत-दर-परत पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने उपयुक्त धाराओं में केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे, ताकि जिले में दवाओं की आड़ में नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाई जा सके।














