
उत्तर प्रदेश में इस बार होली और जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ने के कारण कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने विशेष कदम उठाए हैं। राज्य के कई जिलों में मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जुमे की नमाज के समय में बदलाव किया है। इस फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर की पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे ‘भविष्य में गंभीर परिणाम’ लाने वाला कदम बताया है।
“यूपी में कई मस्जिदों को ढका गया, जुमे की नमाज का समय बदला”
🔹 होली और जुमे की नमाज के एक साथ पड़ने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रशासन ने संवेदनशील मस्जिदों और दरगाहों को तिरपाल से ढकने का निर्णय लिया।
🔹 राज्य के प्रमुख मुस्लिम मौलवियों ने भी शुक्रवार की नमाज का समय बदलते हुए इसे दोपहर 2 बजे के बाद निर्धारित किया।
🔹 संभल, शाहजहांपुर और अन्य संवेदनशील जिलों में पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे और किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली ने घोषणा की कि 14 मार्च को जुमे की नमाज दोपहर 2:30 बजे होगी ताकि होली और नमाज के वक्त में टकराव से बचा जा सके। इसी तरह, शाहजहांपुर जिले में 75 से अधिक मस्जिदों और दरगाहों को तिरपाल या कपड़े से ढका गया है।
“महबूबा मुफ्ती ने जताई नाराजगी, सरकार पर लगाया पक्षपात का आरोप”
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने यूपी सरकार की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए कहा—
📌 “हमारा देश हमेशा से भाईचारे का संदेश देता आया है। होली हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों द्वारा मिलकर मनाई जाती थी। लेकिन, अब ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के हालात खराब कर दिए हैं।”
📌 “मुसलमानों के प्रति सरकार का रवैया पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है। इससे भविष्य में कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी।”
📌 “एक समय पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने भी ऐसा ही किया था और अब तक हम उसका परिणाम देख रहे हैं। यह बीजेपी की नीति का हिस्सा है कि सांप्रदायिक मुद्दों को गरमाए रखा जाए ताकि उत्तर प्रदेश के असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रहे।”
“यूपी सरकार का रुख—कानून-व्यवस्था को लेकर उठाए गए कदम”
🔸 उत्तर प्रदेश सरकार ने होली और जुमे की नमाज को लेकर संभावित कानून-व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के विशेष उपाय किए हैं।
🔸 पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने सभी जिलों को 20-सूत्रीय दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया गया है।
🔸 संभल जैसे संवेदनशील जिले, जहां हाल ही में शाही जामा मस्जिद पर कोर्ट के आदेशानुसार सर्वेक्षण हुआ था, वहां चौबीसों घंटे निगरानी के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
“क्या यह सांप्रदायिक सौहार्द के लिए उठाया गया कदम है?”
यह पहला मौका नहीं है जब किसी त्योहार के दौरान प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं, लेकिन मस्जिदों को ढकने का फैसला अब राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है।
🔹 क्या यह धार्मिक सौहार्द बनाए रखने की कोशिश है या फिर एकतरफा कार्रवाई?
🔹 क्या सरकार को ऐसे फैसलों पर राजनीतिक दलों और समुदायों से सलाह लेनी चाहिए थी?
🔹 क्या यह कदम सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ाने का माध्यम बन सकता है?
अब देखना यह है कि इस मुद्दे पर यूपी सरकार कोई सफाई देती है या नहीं और क्या विपक्ष इस मुद्दे को चुनावी राजनीति में भुनाने की कोशिश करेगा?

VIKAS TRIPATHI
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