
गाजीपुर। न्याय की प्रक्रिया भले धीमी हो, लेकिन जब निर्णय आता है, तो वह एक मिसाल बन जाता है। गाजीपुर जनपद में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज एक दशक पुराने मामले में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। आरोपी अबुल आश अंसारी उर्फ आसी, निवासी ग्राम बड़ापुरा को 4 साल की सश्रम कारावास और ₹10,000 के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
2015 में दर्ज हुआ था मामला
थाना कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2015 में दर्ज मुकदमा संख्या 1892/2015 के तहत आरोपी पर एक नाबालिग लड़की के साथ अश्लील हरकत, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का आरोप था। मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 354(क), 504, 506 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के तहत दर्ज किया गया था।
ऑपरेशन कन्विक्शन बना आधार
उत्तर प्रदेश पुलिस के ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत इस केस को मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन विभाग द्वारा विशेष रूप से फॉलो किया गया। मुकदमे की निरंतर निगरानी, साक्ष्यों की मजबूती और पुलिस की सुदृढ़ पैरवी ने कोर्ट को आरोपी के विरुद्ध सजा सुनाने के लिए मजबूर किया।
पुलिस की तत्परता से मिली सजा
गाजीपुर पुलिस की टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए हर सुनवाई में सक्रियता दिखाई। वर्षों पुराने इस केस को जिस प्रकार जीवित रखा गया और साक्ष्यों को संरक्षित किया गया, वह प्रशंसनीय है।
कड़ा संदेश
इस फैसले से साफ संदेश गया है कि अपराध कितना भी पुराना क्यों न हो, कानून की नज़र से कोई नहीं बच सकता। ऑपरेशन कन्विक्शन जैसी पहलें पीड़ितों को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
