
यह कहानी है बीआर शेट्टी की, जिन्होंने अपनी मेहनत और संकल्प से शून्य से शिखर तक का सफर तय किया। कर्नाटक के एक छोटे से शहर में जन्मे शेट्टी ने अरबों रुपये की कंपनियों की नींव रखी और दुनिया के नामचीन कारोबारियों में शामिल हो गए। लेकिन किस्मत ने ऐसी करवट ली कि एक ट्वीट ने उनका सारा साम्राज्य धूल में मिला दिया।
कभी ₹18,000 करोड़ का बैंक बैलेंस, बुर्ज खलीफा में फ्लैट्स, प्राइवेट जेट और रोल्स रॉयस जैसी लग्जरी कारों के मालिक बीआर शेट्टी को अपनी 12,478 करोड़ रुपये की कंपनी मात्र ₹74 में बेचनी पड़ी। आज वे पाई-पाई को मोहताज हैं।

गरीब परिवार से अरबपति बनने तक का सफर
1942 में कर्नाटक के उडुपी जिले के कापू शहर में जन्मे बीआर शेट्टी का बचपन बेहद आर्थिक तंगी में बीता। उन्होंने फार्मेसी की पढ़ाई की और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर अपना करियर शुरू किया। दवाइयां बेचने वाले शेट्टी ने कभी नहीं सोचा था कि वो खुद एक दिन हेल्थकेयर और फाइनेंस सेक्टर के दिग्गज कारोबारी बन जाएंगे।
1973 में महज 8 डॉलर (करीब ₹665) लेकर बेहतर भविष्य की तलाश में दुबई पहुंचे। शुरुआत में उन्होंने वहां सेल्समैन की नौकरी की और घर-घर जाकर दवाइयां बेचीं। लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और अच्छे संबंध बनाने की कला ने उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया।
यूएई में पहला प्राइवेट अस्पताल और वित्तीय साम्राज्य

1975 में बीआर शेट्टी ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर न्यू मेडिकल सेंटर (NMC) की शुरुआत की। यह यूएई का पहला प्राइवेट हेल्थकेयर सेंटर था। कुछ ही वर्षों में यह मल्टीनेशनल हेल्थकेयर कंपनी बन गई।
इसके बाद उन्होंने प्रवासी भारतीयों की समस्याओं को देखते हुए यूएई एक्सचेंज की स्थापना की, ताकि वे आसानी से अपने परिवारों को पैसा भेज सकें। साल 2016 तक यूएई एक्सचेंज के 31 देशों में 800 से ज्यादा शाखाएं खुल चुकी थीं।
उन्होंने एनएमसी नियोफार्मा नाम से एक फार्मास्युटिकल कंपनी भी शुरू की, जो भारत और मध्य पूर्व में एक प्रमुख दवा निर्माता बन गई।

अरबों की दौलत और लग्जरी लाइफ
सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए बीआर शेट्टी की संपत्ति 3 बिलियन डॉलर (लगभग ₹20,000 करोड़) तक पहुंच गई। उनके पास प्राइवेट जेट, रोल्स रॉयस कारें, दुबई में शानदार विला और बुर्ज खलीफा में 25 मिलियन डॉलर के दो फ्लोर थे।
वो न केवल भारत के टॉप अमीरों में शामिल थे, बल्कि उनकी गिनती दुनिया के सबसे प्रभावशाली भारतीय कारोबारियों में की जाने लगी।
एक ट्वीट और सबकुछ हो गया बर्बाद

साल 2019 में सबकुछ बदल गया। यूके की शॉर्ट सेलर फर्म मड्डी वॉटर्स (Muddy Waters) ने एक रिपोर्ट जारी कर बीआर शेट्टी की कंपनियों पर धोखाधड़ी और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि शेट्टी की कंपनियों ने 1 बिलियन डॉलर (करीब ₹8,000 करोड़) का कर्ज छुपाया और निवेशकों को गुमराह किया। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने अपने कैश फ्लो के आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए।
मड्डी वॉटर्स के संस्थापक करसन ब्लॉक ने ट्वीट कर इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया। इसके बाद शेयर बाजार में शेट्टी की कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए।
₹74 में बेचना पड़ा साम्राज्य
हालात इतने बिगड़ गए कि यूएई सेंट्रल बैंक ने उनकी कंपनियों के बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया। उनकी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। अंततः उन्हें अपनी 12,478 करोड़ रुपये की कंपनी मात्र ₹74 में इजरायल-यूएई कंसोर्टियम को बेचनी पड़ी।
आज पाई-पाई को मोहताज

कभी अरबों की संपत्ति के मालिक बीआर शेट्टी आज कर्ज में डूबे हुए हैं। उनके पास न प्राइवेट जेट है, न महल जैसे घर। दुबई की चमक-धमक से दूर, वे अपनी आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं।
कहानी से सबक
बीआर शेट्टी की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता का शिखर जितना मजबूत दिखता है, उतना ही नाजुक भी हो सकता है। एक गलत फैसला या लापरवाही पूरी मेहनत को ध्वस्त कर सकती है।
सच्ची सफलता वही है, जो ईमानदारी, पारदर्शिता और सही प्रबंधन के साथ हासिल की जाए। बीआर शेट्टी का सफर भले ही दुखद मोड़ पर आकर थम गया हो, लेकिन उनकी कहानी एक सबक के रूप में हमेशा याद रखी जाएगी।

VIKAS TRIPATHI
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