
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते को संसद को उड़ाने की धमकी देने के मामले में दोषी ठहराया है। यह मामला साल 2022 का है, जब समरीते ने अपनी मांगें पूरी न होने पर राज्यसभा के अधिकारी को धमकी भरा पत्र भेजा था। अदालत ने उन्हें आईपीसी की धारा 506 भाग II के तहत दोषी करार दिया है, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
अन्य आरोपों से मिली राहत, लेकिन धमकी देना साबित
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने विस्फोटक रखने और जान को खतरे में डालने जैसे आरोपों से समरीते को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय को भेजे गए संदिग्ध पदार्थ की जांच में पाया गया कि उसमें विस्फोटक क्षमता नहीं थी। हालांकि, धमकी देने का आरोप साबित हुआ है।
धमकी भरे पत्र में संसद उड़ाने की तारीख और समय तक किया था उल्लेख
अदालत ने कहा कि 16 सितंबर 2022 को भेजे गए पत्र में समरीते ने 30 सितंबर 2022 को सुबह 11 बजे संसद को डायनामाइट से उड़ाने की धमकी दी थी, अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं। इस पत्र के साथ संविधान की एक प्रति, भारतीय ध्वज और एक संदिग्ध पदार्थ भी शामिल था।
27 फरवरी को सजा पर होगी बहस
अदालत ने समरीते को आईपीसी की धारा 506 भाग II के तहत दोषी करार दिया, जिसकी अधिकतम सजा सात साल हो सकती है। मामले में 27 फरवरी को सजा पर बहस होगी।

VIKAS TRIPATHI
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