नोएडा स्थित फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन में इस बार नवरात्रि का आयोजन बेहद खास रहा। श्रद्धा और उमंग का अनूठा संगम नजर आया जब दिव्यांग बच्चों ने सुबह की माता की चौकी से शाम के गरबा महोत्सव तक पूरे जोश के साथ भाग लिया और उपस्थित लोगों के दिलों को छू लिया।
सुबह: माता की चौकी — भजन, आरती और भावनात्मक आरम्भ
दिन की शुरुआत माता की चौकी से हुई। भजनों और आरती की मधुर गूंज ने परिसर को आध्यात्मिक बना दिया। परिवार, अभिभावक और स्टाफ ने मिलकर भक्ति में सम्मिलित होकर कार्यक्रम की शान बढ़ाई।
शाम: गरबा महोत्सव — रंगीन परिधान, थाप और नृत्य
दोपहर से शाम तक गरबा का माहौल छाया रहा। बच्चे रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे, गरबे की थाप पर नृत्य करते दिखे। उनकी मासूम मुस्कान और उत्साह ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। खास बात यह रही कि कई माताएँ भी बच्चों के साथ शामिल हुईं और मिलकर गरबा करके आयोजन को और भी यादगार बनाया।
सेंटर मैनेजर का संदेश
फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन की सेंटर मैनेजर सुरभि जैन ने कहा,
“हम दिव्यांग जनों को मुख्यधारा से जोड़ने के मिशन पर लगातार काम कर रहे हैं। माता की चौकी और गरबा जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम न केवल बच्चों की प्रतिभा और आत्मविश्वास को सामने लाते हैं, बल्कि उन्हें समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का अवसर भी प्रदान करते हैं। हमारा उद्देश्य यह दिखाना है कि दिव्यांग बच्चे हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकते हैं।”
कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि
कार्यक्रम में निम्न प्रमुख मेहमान और विशेषज्ञ मौजूद रहे:
डॉ. भावना आनंद (Chief Consultant, BJM Health, PT)
डॉ. महिपाल सिंह (PT)
डॉ. दीक्षा श्रीवास्तव (OT)
डॉ. सुष्मिता भाटी (PT)
कृष्णा यादव, इलिका रावत, दिव्या कार्की और सौम्या सोनी
इन सभी ने बच्चों के साथ समय बिताकर उनका हौसला बढ़ाया और संस्थान के काम की सराहना की।
उत्सव, समावेशन और आशा का संदेश
पूरे आयोजन में बच्चों और माताओं ने मिलकर नवरात्रि के इस दिन को भक्ति, नृत्य और खुशियों का यादगार पर्व बना दिया। फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन के माध्यम से यह संदेश साफ सामने आया कि सही मंच और समर्थन मिलने पर दिव्यांग बच्चे हर गतिविधि में सहज रूप से भाग लेकर समाज में अपनी जगह बना सकते हैं।














