
Election Commission Asks Kejriwal to Provide Evidence: चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल से यमुना नदी की कथित जहरीली स्थिति और संभावित जनसंहार के आरोपों पर 29 जनवरी, 2025 तक सबूत पेश करने को कहा है। भाजपा और कांग्रेस ने इन बयानों को भ्रामक और भड़काऊ बताते हुए आयोग से शिकायत की थी। आयोग ने केजरीवाल के बयान को गंभीरता से लेते हुए इसे राष्ट्रीय एकता और कानून-व्यवस्था के लिए संभावित खतरा बताया।
भाजपा और कांग्रेस ने लगाए आरोप
भाजपा ने शिकायत में आरोप लगाया कि केजरीवाल ने हरियाणा पर यमुना नदी को जानबूझकर जहरीला बनाने का दावा किया, लेकिन इसके समर्थन में कोई साक्ष्य पेश नहीं किया। उनका कहना है कि केजरीवाल ने जनता में भय और असुरक्षा फैलाने के लिए यह बयान दिया। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी केजरीवाल के बयान को “गंभीर और गैर-जिम्मेदाराना” बताते हुए कहा कि इससे क्षेत्रीय तनाव पैदा हो सकता है।
आयोग ने उठाए सवाल
चुनाव आयोग ने कहा कि ऐसे बयान बिना साक्ष्य दिए क्षेत्रीय समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दे सकते हैं और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं। आयोग ने केजरीवाल से पूछा कि अगर यमुना नदी का पानी जहरीला है, तो उन्होंने यह मुद्दा हरियाणा सरकार के साथ क्यों नहीं उठाया।
कानूनी कार्रवाई का संकेत
आयोग ने केजरीवाल को सबूत पेश करने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर उनके दावे बिना साक्ष्य के पाए गए, तो यह राष्ट्रीय एकता और सार्वजनिक सद्भाव को भंग करने के दायरे में आएगा। ऐसे मामलों में तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।
आचार संहिता का पालन करने की अपील
चुनाव आयोग ने सभी पक्षों से चुनाव आचार संहिता का पालन करने और जनता को गुमराह करने वाले बयान न देने की अपील की है। आयोग ने यह भी कहा कि यमुना नदी में बढ़ते अमोनिया स्तर को लेकर हरियाणा सरकार से अलग से इनपुट लिया जा रहा है।