
पुणे: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी पुणे यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत में विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष लोकसभा चुनाव से पहले डर और भ्रम फैलाने की राजनीति कर रहा है, जिसमें आरक्षण खत्म करने, संविधान बदलने और मुस्लिम समुदाय को खतरे में डालने जैसी बातें शामिल हैं।
“80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, 35 करोड़ गरीबी से बाहर – क्या इसमें सिर्फ हिंदू शामिल हैं?”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की सराहना करते हुए शिंदे ने कहा कि सरकार की नीतियों का लाभ हर धर्म और समुदाय को मिला है।
“क्या प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं का लाभ केवल हिंदूओं को मिला? क्या मुस्लिम और ईसाई इनका हिस्सा नहीं हैं? 35 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए, 80 करोड़ को मुफ्त राशन मिला, लखपति दीदी योजना, ड्रोन दीदी योजना, जन धन योजना – यह सभी धर्मों के लिए हैं, इसमें कोई भेदभाव नहीं है।”
“विपक्ष झूठा नैरेटिव गढ़ रहा है”
शिंदे ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वही लोग, जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले डर का माहौल बनाया था, अब प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगा रहे हैं।
“इन्हीं लोगों ने कहा था कि आरक्षण खत्म हो जाएगा, संविधान बदल दिया जाएगा, मुसलमानों के लिए खतरा है। अब जब जनता ने इनकी साजिश को नकार दिया, तो ये ‘सौगात-ए-मोदी’ किट को लेकर हंगामा कर रहे हैं।”
“इतिहास का सम्मान जरूरी, अपमान करने वालों को भुगतना होगा अंजाम”
शिंदे ने ऐतिहासिक हस्तियों के सम्मान पर भी जोर दिया और कहा कि जो लोग इतिहास से छेड़छाड़ कर अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं, उन्हें परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
“हमारे सांस्कृतिक प्रतीकों का सम्मान होना चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को भी ऐतिहासिक हस्तियों का अपमान करने का अधिकार नहीं है।”
“विपक्ष की जलन समझ से परे”
शिंदे ने कहा कि मोदी सरकार की सफलता विपक्ष को पच नहीं रही। उन्होंने तंज कसते हुए कहा,
“जब हर धर्म के लोगों को सरकार की योजनाओं से लाभ मिल रहा है, तो विपक्ष को पेट दर्द क्यों हो रहा है? यह साफ दिखाता है कि इनका एजेंडा जनता की भलाई नहीं, बल्कि सिर्फ सत्ता हासिल करना है।”
शिंदे के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की सियासत में नई बहस छिड़ गई है।