प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को अवैध सट्टेबाजी एप Parimatch से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच में कई राज्यों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक आरोपों के मुताबिक़ इस जालसाज़ी के ज़रिये लगभग ₹2,000 करोड़ की ठगी की गई है। मुंबई, दिल्ली-NCR, हैदराबाद, जयपुर, मदुरै और सूरत सहित कम से कम 15 ठिकानों पर छापेमारी की गई — मामला PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत दर्ज है और इसकी शुरूआत 2024 में साइबर पुलिस स्टेशन, मुंबई में दर्ज एफआईआर से हुई थी।
जांच की रूपरेखा — मनी-मल्टीप्लिंग और म्यूल-खाते
ED की जांच में अब तक यह संकेत मिले हैं कि ठगी की रकम अपराधियों द्वारा बनाए गए म्यूल (mule) खातों में जमा कराई गई और उसे कई पेमेंट-ऐप्स, एजेंटों व क्रिप्टो वॉलेट के माध्यम से अलग-अलग साबित किया गया। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि रकम को छिपाने हेतु विभिन्न तरीकों का प्रयोग हुआ — क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर, एक ही इलाके के एटीएम से नकदी निकासी, और छोटे-छोटे UPI भुगतान द्वारा रकम को फैलाना शामिल है।
छापेमारी में बरामदगी — दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और लग्जरी सम्पत्ति
जांच टीमों ने अब तक कई दस्तावेज़, मोबाइल फोन, कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं जिनसे ट्रांज़ैक्शन-लिंक्स और पैसों की रफ्तार का पता लगाया जा सकेगा। इससे पहले ED के अहमदाबाद जोन ने 7–8 अगस्त को मेघ शाह और महेन्द्र शाह से जुड़े ठिकानों पर भी छापे मारे थे — उस कार्रवाई में FEMA (foreign exchange) के तहत तलाशी चली और कई कीमती वस्तुएँ जब्त हुईं। प्रमुख बरामद चीज़ें इस प्रकार हैं:
नकद: ₹15 लाख (पहले की छापेमारी में)
लग्जरी कारें: BMW X6M, Bentley Continental GT, BMW 730LD, BMW 328i (कुल 4)
महंगी घड़ियाँ: Rolex, Cartier ब्रांड की घड़ियाँ — कुल मिलाकर लगभग ₹1.51 करोड़ मूल्य की बरामदगी
दस्तावेज़ व बैंकिंग सामग्री: करीब 40 कंपनियों की मुहरें, चेक बुक्स, लेजर व अन्य वित्तीय रिकॉर्ड
डिजिटल उपकरण: मोबाइल, लैपटॉप व कंप्यूटिंग डिवाइस जिनके डेटा की फ़ोरेंसिक जांच जारी है
पिछली कार्रवाई और कानूनी आयाम
ED की यह PMLA-आधारित कार्रवाई उस FIR से निकली जांच का विस्तार है जो 2024 में मुंबई की साइबर पुलिस में दर्ज हुई थी। साथ ही अहमदाबाद/मुंबई में की गयी हालिया रेड्स FEMA के तहत भी जांच का हिस्सा थीं — संकेत मिलता है कि विदेशी विनिमय व अवैध फंड मूवमेंट के पहलू भी एजेंसी के रडार पर हैं।
आगे क्या होगा — संपत्ति अटैचेंमेंट और कानूनी कार्यवाही
एजेंसी आरोपितों के खातों में लेन-देनों का विवरण जुटा कर पैसे के स्रोत व अंत उपयोगकर्ताओं तक पहुँचने की जाँच कर रही है। संभावना है कि ED जल्द ही संपत्तियों को अटैच/जाम करने, संदिग्ध बैंक खातों में रोक लगाने और संलिप्तता के आरोपों में प्रवर्तनात्मक कार्रवाई आगे बढ़ाने की घोषणा करे। FIR के मालिकाने, एजेंट-नेटवर्क और इंटरनल मैनेजमेंट-कुंडली को खोलने हेतु डेटा-फोरेंसिक व वित्तीय ट्रेसिंग जारी रहेगी।