
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक पुराने मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से जुड़ी 405.31 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। जब्त संपत्तियों में 27.5 करोड़ रुपये के शेयर और डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड (DCBL) की 377.2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन शामिल है।
हालांकि, DCBL का कहना है कि जब्त की गई संपत्तियों का वास्तविक मूल्य करीब 793.3 करोड़ रुपये है। यह कार्रवाई 2011 में दर्ज एक सीबीआई केस से जुड़ी हुई है, जिसमें जगन की कंपनियों में कथित रूप से क्विड प्रो क्वो (लेन-देन आधारित) निवेश किया गया था।
मामले की पृष्ठभूमि
सीबीआई की 2011 की एफआईआर के अनुसार, DCBL ने भारती सीमेंट कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड में निवेश किया था, जिसके बदले में सरकार ने DCBL को कडप्पा ज़िले में 407 हेक्टेयर की खनन लीज दे दी थी। ईडी के मुताबिक, यह निवेश 95 करोड़ रुपये की पेमेंट के रूप में हुआ, जिसमें से 55 करोड़ रुपये हवाला के ज़रिए जगन तक पहुंचाए गए।
ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया कि DCBL और जगन के बीच हुए इस सौदे में रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड के शेयर फ्रांसीसी कंपनी PARFICIM को 135 करोड़ रुपये में बेचे गए थे, जिसमें से 55 करोड़ रुपये नकद में हवाला चैनल से दिए गए।
सीबीआई ने 8 अप्रैल 2013 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें जगन समेत अन्य आरोपी शामिल हैं।
डालमिया सीमेंट का बयान
DCBL ने कहा है कि उसे 15 अप्रैल 2025 को अटैचमेंट ऑर्डर मिला है, लेकिन इससे कंपनी के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है। कंपनी ने बताया है कि वह कानूनी विकल्पों की समीक्षा कर रही है और जल्द उचित कदम उठाएगी।
ईडी की सख्त कार्रवाई का संकेत
इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि ईडी अब पुराने और हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग मामलों पर तेज़ी से शिकंजा कस रही है, खासकर जब वे राजनीति और कॉर्पोरेट गठजोड़ से जुड़े हों।

VIKAS TRIPATHI
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