आयोग (EC) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार को राष्ट्रीय प्रतीक और राज्य पुलिस पर की गई कथित टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मजूमदार को सोमवार रात 8 बजे तक जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने चुनाव आयोग से इस मामले में शिकायत की थी, जिसमें सुकांत मजूमदार पर सार्वजनिक सभा के दौरान अपमानजनक बयान देने का आरोप लगाया गया था। यह बयान तालडांगर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के प्रचार के दौरान 7 नवंबर को दिया गया था।
टीएमसी ने आरोप लगाया कि मजूमदार ने राज्य पुलिस पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए राष्ट्रीय प्रतीक ‘अशोक स्तंभ’ का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा था, “तृणमूल के एजेंट मत बनो। अपनी वर्दी से अशोक स्तंभ हटा दो और उसकी जगह चप्पल का प्रतीक लगा लो। वर्दी के पीछे मत छिपो।”
चुनाव आयोग ने सोमवार को टीएमसी द्वारा शिकायतों के समाधान में देरी के आरोपों का खंडन किया। आयोग ने बताया कि टीएमसी की शिकायत मिलने के 20 घंटे के भीतर त्वरित कार्रवाई की गई है।
टीएमसी ने केंद्रीय बलों के दुरुपयोग को लेकर चुनाव आयोग के सामने शिकायत दर्ज की थी। लोकसभा में टीएमसी संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, राज्यसभा में नेता डेरेक ओ’ब्रायन और सांसदों की एक टीम, जिसमें कीर्ति आजाद, साकेत गोखले और सुष्मिता देव शामिल थीं, ने शनिवार को आयोग से मुलाकात कर उपचुनाव से संबंधित दो ज्ञापन सौंपे।
सोमवार को चुनाव आयोग को लिखे पत्र में टीएमसी ने अपनी बैठक के समय पर नाराजगी जताई। पत्र में कहा गया, “हमें 3:30 बजे का समय दिया गया, जो कि प्रचार समाप्त होने से सिर्फ 90 मिनट पहले है। ऐसे में हमारी चिंताओं का समाधान संभव नहीं हो पाता।”
टीएमसी ने आरोप लगाया कि इस प्रकार की देरी से बीजेपी को फायदा होता है, जिससे चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित होती है और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर जनता का भरोसा कम होता है।
VIKAS TRIPATHI
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