
देश की राजधानी दिल्ली में सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव की महा-क्रीड़ा में शामिल होने वाले बसपा प्रत्याशियों की स्थिति कैसी है? इनमें से पूर्वी दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ रहे बसपा प्रत्याशी मोहम्मद वकार चौधरी की संघर्ष क्या है? देश और दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में से एक, पूर्वी दिल्ली सीट, के चुनाव में दिलचस्पी बढ़ रही है। इस सीट पर सोलह लाख मतदाता हैं, जिनमें मुस्लिम और दलित मतदाताओं का हिस्सा लगभग चालीस प्रतिशत है। 1966 में गठित इस लोकसभा सीट पर राजनीतिक दिग्गजों ने बार-बार प्रतिनिधित्व किया है। मौजूदा सांसद गौतम गंभीर के चुनाव में नहीं भाग लेने पर भाजपा ने इस बार हर्ष मल्होत्रा को अपना प्रत्याशी चुना है, जबकि आम आदमी पार्टी ने अपने दलित विधायक कुलदीप कुमार को टिकट दिया है। बहुजन समाज पार्टी ने मोहम्मद वकार चौधरी को मैदान में उतारा है। यहां का प्रमुख मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच हो रहा है, परंतु आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर दलित प्रत्याशी को उतारकर दलित मुस्लिम वोटों को ध्यान में रखने की चाल चली है, जैसे ही बसपा ने एक मुस्लिम को टिकट देकर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को चुनावी मुकाबले में चुनौती दी है। हालांकि, कुछ चुनावी घटनाओं के बाद बसपा प्रत्याशी को धार्मिक सत्यनिष्ठा को साबित करने में कठिनाई हो रही है। इसी बीच, अपने ऊपर लगे आरोपों का बचाव करते हुए, बसपा प्रत्याशी ने आंसू बहाकर प्रेस वार्ता में अपना संदेश पहुंचाया है। उन्हें भाजपा के खिलाफ भी आरोप लगा है, जिनका सीधा जवाब देते हुए कहा गया है कि उनका खरीदने का कोई प्रयास नहीं है। बसपा ने दिल्ली की सातों सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारा है, जो कि आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हालांकि, आम आदमी पार्टी को अन्य मुद्दों के साथ कई विवादों ने कष्ट दिया है।

VIKAS TRIPATHI
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