पटना, जून 30, 2025 — बिहार की राजनीति उस वक्त सनसनी में आ गई जब गांधी मैदान में ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ रैली के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के मंच से एक ड्रोन टकरा गया। घटना के दौरान मंच पर मौजूद तेजस्वी यादव ने झुककर खुद को बचाया, लेकिन कुछ देर के लिए उन्हें भाषण रोकना पड़ा। रैली में अफरा-तफरी का माहौल बन गया, हालांकि सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत ड्रोन को कब्जे में ले लिया।
ड्रोन हादसा या साजिश?
इस घटना ने राजनीतिक और सुरक्षा हलकों में बहस छेड़ दी है — क्या यह सिर्फ एक हादसा था या फिर जानबूझकर की गई हरकत?
पटना सेंट्रल की एसपी दीक्षा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि यह क्षेत्र “नो-फ्लाइंग जोन” था और ऐसी किसी वस्तु का वहां उड़ना नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “रैली के दौरान पुलिस बल भीड़ को नियंत्रित करने में व्यस्त था, लेकिन ड्रोन की एंट्री बेहद गंभीर मामला है और इसकी गहन जांच की जा रही है।”
तेजस्वी यादव का तीखा हमला: “वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे”
इस रैली का आयोजन इमारत-ए-शरिया द्वारा किया गया था।
अपने भाषण में तेजस्वी यादव ने केंद्र की एनडीए सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि,“वक्फ संशोधन कानून सिर्फ एक क़ानून नहीं, बल्कि मुस्लिमों, पिछड़ों और दलितों के संपत्ति और मतदान अधिकारों पर हमला है। यह सरकार देश को बाँटना चाहती है।”
तेजस्वी ने जनता से वादा किया कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है, तो
“वक्फ कानून को रद्द कर कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।”उन्होंने कहा कि यह देश सभी धर्मों और वर्गों का है, और संविधान की मूल भावना को कोई भी ताकत नहीं मिटा सकती।
विपक्षी एकता की बड़ी झलक
रैली में बिहार के अलावा देशभर के विपक्षी दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। आयोजन को विपक्ष की ओर से एकजुटता के प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है, खासकर वक्फ संपत्तियों और अल्पसंख्यक अधिकारों के मुद्दे पर।“जहां संविधान बचाने की बात हो, वहां ड्रोन से डराना सत्ता की बेचैनी को उजागर करता है।”
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