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Donations Surge in Election Year: 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिलने वाले डोनेशन में पिछले साल के मुकाबले 87% की वृद्धि दर्ज की गई। 2022-2023 में 2,120.06 करोड़ रुपए के मुकाबले यह 2023-2024 में बढ़कर 3,967.14 करोड़ रुपए हो गया। हालांकि, पार्टी को चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले चंदे की हिस्सेदारी घटकर कुल योगदान का 43% रह गई, जो पिछले साल 61% थी।
बीजेपी का खर्च और चंदा
बीजेपी की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, चुनावी बॉन्ड के रूप में पार्टी को 1,685.62 करोड़ रुपए का योगदान मिला। पार्टी ने प्रचार और विज्ञापनों पर 591.39 करोड़ रुपए सहित कुल 1,754.06 करोड़ रुपए खर्च किए, जो पिछले साल के 1,092.15 करोड़ रुपए से कहीं अधिक है।
कांग्रेस के चंदे में रिकॉर्ड वृद्धि
कांग्रेस पार्टी के डोनेशन में 320% की बढ़ोतरी हुई है। 2022-2023 में जहां पार्टी को 268.62 करोड़ रुपए मिले थे, वहीं 2023-2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 1,129.66 करोड़ रुपए हो गया। कांग्रेस को मिले कुल चंदे में चुनावी बॉन्ड का हिस्सा 73% रहा, जो 828.36 करोड़ रुपए है। पार्टी का कुल खर्च भी पिछले साल के 192.55 करोड़ रुपए से बढ़कर 619.67 करोड़ रुपए हो गया।
टीएमसी का प्रदर्शन भी बेहतर
चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित 2023-2024 की रिपोर्ट के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की आय 333.46 करोड़ रुपए से बढ़कर 646.39 करोड़ रुपए हो गई। टीएमसी को 95% चंदा चुनावी बॉन्ड के माध्यम से मिला है।
चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
गौरतलब है कि फरवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया था। इसके बावजूद, पार्टियों को मिलने वाले चंदे में चुनावी बॉन्ड का योगदान महत्वपूर्ण बना हुआ है।
चुनावों के करीब आते ही पार्टियों की आय और खर्च दोनों में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जो आगामी चुनावी रणनीतियों और प्रचार अभियानों की दिशा तय करेंगे।
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VIKAS TRIPATHI
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