
Dominance of Outsiders in Delhi Politics: दिल्ली, देश की राजधानी होने के साथ-साथ विविध सांस्कृतिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि का केंद्र भी है। यहां की विधानसभा चुनावों में भी यह विविधता स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है। इस बार दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 17 पर ऐसे उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जिनकी जड़ें दिल्ली के बाहर हैं। इनमें सबसे अधिक 6 विधायक हरियाणा से, 5 बिहार से, 3 उत्तर प्रदेश से, और 2 उत्तराखंड से संबंध रखते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि बाहरी राज्यों से आए नेताओं को आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों में जगह मिली है, और इन पार्टियों से जुड़े उम्मीदवारों ने इन 17 सीटों पर जीत दर्ज की है।
बिहार के 5 विधायक
बिहार के 5 नेताओं ने दिल्ली विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इनमें मधुबनी जिले से दो विधायक चुने गए, जो किसी भी जिले के लिए एक रिकॉर्ड है।
मधुबनी के 2 विधायक:
1. संजीव झा (AAP, बुराड़ी सीट) – संजीव झा ने बुराड़ी सीट पर जीत हासिल कर लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के शैलेंद्र कुमार को हराया। यह सीट मिथिलांचल के वोटरों के प्रभाव वाली मानी जाती है।
2. अनिल झा (AAP, किरारी सीट) – अनिल झा 2008 में पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) से राजनीति की शुरुआत की और बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए। 2025 के चुनाव में उन्हें BJP से टिकट नहीं मिला, जिसके बाद वे आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और किरारी से जीत दर्ज की। उन्होंने BJP के बजरंग शुक्ला को हराया।
अन्य बिहार मूल के विजेता:
3. चंदन चौधरी (BJP, संगम विहार सीट) – मूल रूप से खगड़िया जिले के रहने वाले चंदन चौधरी ने बीजेपी के टिकट पर संगम विहार सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने AAP के दिनेश मोहनिया को हराया।
4. अभय वर्मा (BJP, लक्ष्मी नगर सीट) – अभय वर्मा दरभंगा जिले के मूल निवासी हैं और लक्ष्मी नगर सीट से बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधायक बने।
5. पंकज कुमार सिंह (BJP, विकासपुरी सीट) – मूल रूप से बक्सर जिले के रहने वाले पंकज सिंह ने विकासपुरी सीट से जीत दर्ज की।
हरियाणा के 6 विधायक
हरियाणा से आए 6 नेताओं ने दिल्ली विधानसभा में जीत दर्ज की है।
1. मनजिंदर सिंह सिरसा (BJP, राजौरी गार्डन सीट) – सिरसा जिले के मूल निवासी मनजिंदर सिंह सिरसा पहले शिरोमणि अकाली दल (SAD) से जुड़े थे। इस बार उन्होंने BJP के टिकट पर राजौरी गार्डन सीट से जीत दर्ज की।
2. वीरेंद्र कादियान (AAP, दिल्ली कैंट सीट) – झज्जर जिले के मूल निवासी वीरेंद्र कादियान आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली कैंट सीट से विजयी हुए।
3. पवन शर्मा (BJP, उत्तम नगर सीट) – हरियाणा के जींद जिले के पवन शर्मा बीजेपी के टिकट पर उत्तम नगर से विजयी हुए। उन्होंने AAP की पूजा बालियान को हराया।
4. राज कुमार भाटिया (BJP, आदर्श नगर सीट) – हिसार जिले के मूल निवासी राज कुमार भाटिया ने आदर्श नगर सीट से आम आदमी पार्टी को हराकर जीत दर्ज की।
5. करनाल सिंह (BJP, शकूर बस्ती सीट) – सोनीपत जिले के रहने वाले करनाल सिंह ने इस चुनाव में आप के सत्येंद्र जैन को शिकस्त दी।
6. तिलक राज गुप्ता (BJP, त्रिनगर सीट) – सोनीपत के ही रहने वाले तिलक राज गुप्ता बीजेपी के टिकट पर त्रिनगर सीट से विजयी हुए।
उत्तर प्रदेश के 3 विधायक
उत्तर प्रदेश के तीन नेताओं ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की।
1. अमानतुल्लाह खान (AAP, ओखला सीट) – मेरठ के रहने वाले अमानतुल्लाह खान ने ओखला सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी के मनीष चौधरी को हराया, जो गुर्जर समुदाय से आते हैं।
2. गोपाल राय (AAP, बाबरपुर सीट) – मऊ जिले के रहने वाले गोपाल राय दिल्ली में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बाबरपुर सीट से जीत हासिल की।
3. जुबेर अहमद (AAP, सीलमपुर सीट) – हापुड़ जिले के मूल निवासी जुबेर अहमद ने सीलमपुर सीट से जीत दर्ज की। वे पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद के बेटे हैं, जो इस सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं।
उत्तराखंड के 2 विधायक
उत्तराखंड से आए दो नेताओं ने भी दिल्ली विधानसभा में अपनी जगह बनाई।
1. रवींद्र नेगी (AAP, पटपड़गंज सीट) – पटपड़गंज सीट पर इस बार आम आदमी पार्टी के रवींद्र नेगी विजयी रहे। पिछली बार इस सीट पर मनीष सिसोदिया चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला। नेगी ने BJP के अवध ओझा को हराया।
2. मोहन सिंह बिष्ट (BJP, मुस्तफाबाद सीट) – दिल्ली के पूर्व विधायक रहे मोहन सिंह बिष्ट को मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद सीट से बड़ी जीत मिली। उन्होंने आम आदमी पार्टी के आदिल हुसैन को हराया।
पंजाब मूल की आतिशी की जीत
आतिशी ने कालकाजी सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की। उनके पिता पंजाब से ताल्लुक रखते हैं।
दिल्ली की राजनीति में बाहरी राज्यों के नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस बार के चुनाव में हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से जुड़े नेताओं ने कुल 17 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे यह साफ होता है कि दिल्ली की सियासत में प्रवासी समुदाय का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।

VIKAS TRIPATHI
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