दिल्ली, 1 अक्टूबर 2025 — दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कोविड-19 महामारी के दौरान ड्यूटी निभाते हुए अपनी जान गंवाने वाले प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के परिवार को एक-रु़पये के रूप में 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि (ex-gratia) देने की घोषणा की। सरकार जल्द ही प्रारम्भिक रूप से 10 परिवारों को यह अनुग्रह राशि प्रदान करेगी।
शहीद कर्मचारियों को राष्ट्रीय कृतज्ञता का प्रतीक
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि महामारी के सबसे कठिन दौर में डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी, शिक्षक और अन्य अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों ने निस्वार्थ भाव से सेवा की और अपने जीवन की परवाह न करते हुए जनता की रक्षा सुनिश्चित की। उन्होंने इन कर्मवीरों के योगदान को दिल्ली के इतिहास के “सबसे निःस्वार्थ और प्रेरणादायी अध्याय” के रूप में दर्ज किया जाने योग्य बताया।
“जब पूरा विश्व महामारी के भय से थम गया था, तब ये कर्मचारी दिन-रात कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम करते रहे ताकि स्वास्थ्य, स्वच्छता और अन्य आवश्यक सेवाएँ बाधित न हों,” सीएम ने कहा।
लंबित भुगतानों का निपटान — 2020-21 का विशेष उल्लेख
सरकार ने स्पष्ट किया कि साल 2020-21 के दौरान कोविड-ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के लिए लंबित पड़ी अनुग्रह राशियों (Ex-Gratia Payments) को मंज़ूरी देकर जारी कर दिया जाएगा। सीएम के अनुसार, यह राशि उन 10 कर्मियों के परिवारों को उनके असाधारण सेवाओं की मान्यता के रूप में शीघ्र दी जाएगी, और भविष्य में इससे लाभान्वित परिवारों की संख्या बढ़ सकती है।
प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए Group of Ministers (GOM)
रेखा गुप्ता ने बताया कि इस मुद्दे पर शीघ्र और संवेदनशील निर्णय सुनिश्चित करने के लिए एक Group of Ministers का गठन किया गया है। इसमें कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, कपिला मिश्रा और डॉ. पंकज कुमार सिंह शामिल हैं, जबकि राहत शाखा के वरिष्ठ अधिकारी — डिविजन कमिश्नर नीरज सेमवाल और डीएम अमोल श्रीवास्तव — भी समिति के साथ कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है और समिति लगातार मामलों की सुनवाई कर रही है।
पिछली देरी पर सरकार का विरोधाभास और संवेदना
सीएम ने तीखा संकेत देते हुए कहा कि पिछली सरकार ने इस मुद्दे पर कई घोषणाएँ जरूर कीं, पर वास्तविक गंभीरता और क्रियान्वयन नहीं दिखा। उन्होंने यह भी द्वर्भाष्य किया कि प्रक्रियागत अड़चनों और अन्य कारणों से अनुग्रह राशि का भुगतान कई वर्षों तक रुका रहा, जो खेदजनक है; फिर भी यह देरी शहीद कर्मचारियों की सेवाओं के मूल्य को कम नहीं कर सकती। सरकार ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और समर्थन व्यक्त किया।
एक मानवीय और न्यायसंगत कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम केवल प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि कृतज्ञता, एकजुटता और न्याय का प्रतीक है। दिल्ली में हाल की शासन व्यवस्था ने प्रक्रियाओं को सरल तथा मानव-केंद्रित बनाने का निर्णय लिया है ताकि शहीद कर्मचारियों के परिजनों तक सहायता शीघ्रता से पहुँच सके। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार उन कर्मचारियों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी जिन्होंने कठिन से कठिन परिस्थितियों में जनता की सेवा को प्राथमिकता दी।