
Delhi Assembly Elections Congress will intensify political attack: नई दिल्ली, 16 जनवरी 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच सियासी तकरार तेजी से बढ़ रही है। कांग्रेस अब अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आतिशी जैसे आप के शीर्ष नेताओं के खिलाफ गांधी परिवार के सदस्यों को उतारने की रणनीति पर काम कर रही है।
कांग्रेस की नई रणनीति
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली, मनीष सिसोदिया को जंगपुरा, और मुख्यमंत्री आतिशी को कालका विधानसभा सीट पर चुनौती देने के लिए गंभीरता से गांधी परिवार के सदस्यों को उतारने पर विचार कर रही है।
पहले ही कांग्रेस ने इन नेताओं के खिलाफ अपने मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं:
- नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित।
- जंगपुरा: मनीष सिसोदिया के खिलाफ वरिष्ठ नेता ताजदार बाबर के बेटे फरहाद सूरी।
- कालका: आतिशी के खिलाफ अलका लाम्बा।
राहुल गांधी का हमला
कांग्रेस ने अपनी आक्रामक रणनीति के तहत अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला शुरू कर दिया है। राहुल गांधी ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए केजरीवाल को “पीआर का बाजीगर” बताया और कहा कि दिल्ली उनके झूठे वादों और भ्रष्टाचार के जाल में फंस चुकी है। राहुल ने जनता से अपील की कि इस बार दिल्ली को प्रदूषण और भ्रष्टाचार से मुक्त करें।
संदीप दीक्षित का नामांकन और बयान
नई दिल्ली सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन से पहले 24, अकबर रोड स्थित पुराने कांग्रेस मुख्यालय में समर्थकों का जमावड़ा देखा गया। नामांकन के दौरान अजय माकन, उदित राज, और पवन खेड़ा जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
नामांकन के बाद संदीप दीक्षित ने कहा, “यह कांग्रेस की जीत का प्रतीक है। मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं।”
संदीप ने अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “राजनीतिक रूप से केजरीवाल शीला जी के कातिल हैं।”
माकन ने फिर साधा निशाना
कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर बड़ा आरोप लगाया। माकन ने कहा, “केजरीवाल एंटी नेशनल हैं। मैंने पहले भी कहा था और अब भी उस पर कायम हूं। मैं कोई बात बिना सबूतों के नहीं कहता।”
राजनीतिक माहौल गरमाया
कांग्रेस और आप के बीच सियासी जंग से दिल्ली का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। दोनों दलों के नेताओं के तीखे बयान और आक्रामक प्रचार रणनीतियां चुनाव को और भी रोचक बना रही हैं।
अब देखना यह होगा कि दिल्ली की जनता किसे अपना समर्थन देती है और चुनावी अखाड़े में कौन विजयी होता है।