
Defence Minister Inaugurates ‘Sanjay – Battlefield Surveillance System’: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में संजय – बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक प्रणाली भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा मिलकर विकसित की गई है, जो युद्धक्षेत्र में ग्राउंड और एरियल सेंसर डेटा को एकत्र करती है। महाभारत के समय संजय की दूरदृष्टि की तरह, अब भारतीय सेना के पास भी युद्ध के मैदान की पूरी जानकारी होगी। इस प्रणाली की झलक 26 जनवरी की परेड में देखने को मिलेगी।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
यह पहल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और अहम कदम है। संजय प्रणाली भारतीय सेना के लिए न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह भविष्य की युद्ध रणनीतियों के लिए एक मजबूत आधार भी प्रदान करती है।
सिस्टम की कार्यप्रणाली
संजय सिस्टम जमीनी और हवाई सेंसरों से प्राप्त डेटा को एकीकृत करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे संसाधित करने के बाद, यह सेना को सटीक और वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है, जो युद्ध में निर्णायक साबित होगी।
युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता में सुधार
इस प्रणाली से युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता में महत्वपूर्ण सुधार होगा और यह कमान और मुख्यालय को एक केंद्रीकृत वेब एप्लीकेशन के माध्यम से सटीक जानकारी देने में मदद करेगी।
संजय की खासियत
- स्मार्ट सेंसर और विश्लेषण: संजय अत्याधुनिक सेंसर और विश्लेषण से लैस है, जो भूमि सीमाओं के विशाल विस्तार की निगरानी और घुसपैठ को रोकने में सक्षम है।
- खुफिया और निगरानी में योगदान: यह प्रणाली खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) अभियानों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे पारंपरिक और उप-पारंपरिक अभियानों में सेना की क्षमता में वृद्धि होगी।
- डेटा-संचालित युद्ध: यह डेटा-संचालित युद्ध के दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम है, जो कमांडरों को युद्ध के मैदान में वास्तविक समय में सूचित निर्णय लेने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
संजय प्रणाली भारतीय सेना को भविष्य के युद्धक्षेत्र में एक तकनीकी लाभ प्रदान करेगी, जिससे परिचालन दक्षता और प्रभावशीलता में वृद्धि होगी। यह आधुनिक युद्ध रणनीतियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सेना की युद्धक क्षमता को एक नया आयाम देगा।