Tuesday, July 1, 2025
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महाकुंभ स्थल पर वक्फ बोर्ड के दावे पर विवाद: वीएचपी और साध्वी ऋतंभरा का पलटवार

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आगामी महाकुंभ 2025 से पहले एक नया विवाद खड़ा हो गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बयान दिया कि महाकुंभ के आयोजन स्थल की 55 बीघा जमीन वक्फ बोर्ड की है। इस बयान के बाद विवाद बढ़ गया, और हिंदू संगठनों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं।

वीएचपी ने बताया “जिहादी मानसिकता”

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा,
“महाकुंभ का आयोजन तबसे हो रहा है, जब इस्लाम का अस्तित्व भी नहीं था। यह धरती सनातन धर्म की पुण्यभूमि है। ऐसे बयानों से वक्फ बोर्ड की सच्चाई उजागर हो रही है। यह जिहादी मानसिकता के लोग हैं, जो हर जगह गिद्ध दृष्टि रखते हैं। मां भारती की भूमि पर वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर रखा है, और इससे मुक्ति जरूरी है।”

उन्होंने मौलाना पर निशाना साधते हुए कहा,
“ऐसे मौलाना जिन्ना के रास्ते पर चल रहे हैं और गजवा-ए-हिन्द का सपना देख रहे हैं। लेकिन यह सपना कभी पूरा नहीं होगा।”

वक्फ कानून पर साध्वी ऋतंभरा का बयान

इस मुद्दे पर साध्वी ऋतंभरा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज करते हुए कहा,
“वक्फ बोर्ड कानून देश की भूमि हड़पने का एक माध्यम बन चुका है। सरकार को वक्फ बोर्ड की सभी जमीनों पर तुरंत कब्जा कर लेना चाहिए। महाकुंभ की भूमि पर वक्फ बोर्ड का दावा सरासर गलत है।”

साध्वी ने देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा,
“भारत में बसे बांग्लादेशियों को चुन-चुन कर देश से बाहर करना चाहिए। हमने अतीत में जो गलती की, उसे दोबारा नहीं दोहराना चाहिए। जिन शरणार्थियों को हमने जगह दी थी, उन्होंने ही देश को लूटने का काम किया।”

वक्फ बोर्ड का कानून:

भारत में वक्फ कानून के तहत धार्मिक और सामाजिक उपयोग के लिए भूमि को वक्फ बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत किया जाता है। हालांकि, इस कानून के दुरुपयोग और भूमि हड़पने के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं। कई बार वक्फ बोर्ड पर सार्वजनिक और सरकारी जमीनों पर दावा करने के आरोप लगे हैं, जिससे विवाद बढ़ता है।

महाकुंभ और प्रयागराज का महत्व

महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा आयोजन है, जो 12 वर्षों में एक बार गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर होता है। यह आयोजन प्राचीन काल से चला आ रहा है, और प्रयागराज की भूमि सनातन धर्म के लिए विशेष पवित्र मानी जाती है।महाकुंभ स्थल पर वक्फ बोर्ड का दावा न केवल धार्मिक विवाद को जन्म दे रहा है, बल्कि यह वक्फ कानून पर पुनः बहस को भी तेज कर रहा है। सरकार और समाज को इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे और ऐसे आयोजनों की पवित्रता बनी रहे।

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