पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में सस्पेंड तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनाई जा रही मस्जिद की नींव रखकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है। इस शिलान्यास के बाद भारतीय जनता पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों के कई नेताओं ने कबीर पर हमलावर रुख अपनाया है और कुछ लोगों ने उनपर देश में सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप भी लगाया है। इसके बावजूद कबीर ने कहा है कि वे पूरे समुदाय का समर्थन हासिल कर चुके हैं।
हुमायूं कबीर ने शिलान्यास के मौके पर कहा, “पूरे भारत में 40 करोड़ मुस्लिम आबादी में से, दो या तीन करोड़ को छोड़कर ज़्यादातर मुसलमान बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर एक साथ खड़े हैं। बाबरी मस्जिद को ज़बरदस्ती गिराया गया था।” उन्होंने आगे बताया कि यह सिर्फ एक मस्जिद नहीं होगी बल्कि इसमें कॉलेज और अस्पताल जैसे कल्याणकारी संस्थान भी होंगे और इसके लिए उन्होंने 300 करोड़ रुपये का बजट रखा है। कबीर ने कहा कि शिलान्यास के दौरान पुलिस मौजूद थी और कोलकाता हाईकोर्ट ने भी रोक लगाने का अनुरोध खारिज कर दिया था।
शिलान्यास के अवसर पर आयोजकों ने आमंत्रित लोगों के लिए शाही बिरयानी के 40,000 पैकेट का ऑर्डर देने की भी जानकारी दी। कबीर ने बताया कि इन गतिविधियों का उद्देश्य धार्मिक पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थानीय शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी योगदान देना है।
इस कदम पर प्रतिकिया — विपक्ष और नागरिक समाज
भारतीय जनता पार्टी के कई नेता और अन्य आलोचक कबीर की योजना को देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला कदम बता रहे हैं। कुछ राजनीतिक हस्तियों का तर्क है कि ऐसी पहल संवेदनशील ऐतिहासिक घटनाओं को फिर से भड़का सकती है। वहीं, कबीर के समर्थक और कुछ स्थानीय लोग इसे न्याय की मांग और समुदाय के अधिकारों का प्रतीक करार दे रहे हैं।
VIDEO | On Babri replica project, Suspended TMC MLA Humayun Kabir says, “Across India, out of the 40 crore Muslim population, except for two or three crore people, most Muslims have united over the issue of the Babri Masjid. The Babri Masjid was forcibly demolished. For a long… pic.twitter.com/7OCO5it1ha
— Press Trust of India (@PTI_News) December 7, 2025
हैदराबाद में भी स्मारक की योजना
मुर्शिदाबाद में शिलान्यास के बाद हैदराबाद के एक मुस्लिम संगठन तहरीक मुस्लिम शब्बन ने भी ऐलान किया है कि वह 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद गिराए जाने की स्मृति में ग्रेटर हैदराबाद में एक स्मारक और कल्याण सुविधाओं का निर्माण करने की योजना बना रहा है। ANI की रिपोर्ट के अनुसार तहरीक के अध्यक्ष मुश्ताक मलिक ने यह घोषणा 6 दिसंबर की सार्वजनिक सभा में की — जो बाबरी मस्जिद के ध्वंस की सालगिरह पर आयोजित की गई थी।
पृष्ठभूमि
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था — यह घटना दशकों से भारतीय राजनीति और सामाजिक बहस का केंद्र रही है। अब बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनाई जा रही इन परियोजनाओं ने उस पुराने विवाद को फिर से राष्ट्रीय विमर्श में ला दिया है।
क्या होगा आगे?
स्थिति राजनीतिक और कानूनी रूप से संवेदनशील बनी हुई है। कोर्ट के किसी नए आदेश, स्थानीय प्रशासन की एहतियाती कार्रवाई या राजनीतिक दलों की बढ़ती प्रतिक्रियाओं के साथ यह मामला आगे और टकरावपूर्ण हो सकता है। मुख्यमंत्री कार्यालय, पुलिस और संबंधित समुदायों के बयान — यदि जारी किए जाएँ — तो स्थिति और स्पष्ट होगी।














