
बीमा कंपनियां अब डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के आधार पर इंश्योरेंस क्लेम खारिज नहीं कर सकेंगी। उपभोक्ता आयोग ने एक अहम फैसले में कहा कि इन बीमारियों को ‘पहले से मौजूद बीमारी’ (Pre-existing Disease) नहीं माना जा सकता और बीमा कंपनियां इसे आधार बनाकर दावे को अस्वीकार नहीं कर सकतीं।
क्या है मामला?
दिल्ली निवासी निशांत शर्मा के पिता प्रेम शंकर शर्मा ने IDBI बैंक से 45 लाख रुपये का होम लोन लिया था। बाद में उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ, जिससे उनकी तबीयत बहुत बिगड़ गई और 11 सितंबर 2023 को उनका निधन हो गया।
इसके बाद निशांत ने बीमा कंपनी से क्लेम के लिए आवेदन किया, लेकिन बीमा कंपनी ने इसे गंभीर बीमारी मानते हुए 30 नवंबर 2023 को क्लेम खारिज कर दिया। बीमा कंपनी का तर्क था कि प्रस्ताव फॉर्म में बीमारियों का पूरा खुलासा नहीं किया गया था।
बीमा कंपनी का दावा खारिज
बीमा कंपनी ने कहा था कि शिकायतकर्ता के पिता डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज थे, लेकिन उन्होंने बीमा पॉलिसी लेते समय यह जानकारी नहीं दी। हालांकि, शिकायतकर्ता के वकील ने दलील दी कि ये बीमारियां उनकी मृत्यु का कारण नहीं बनीं और उन्हें कभी इनकी वजह से अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा।
आयोग ने बीमा कंपनी को दिया भुगतान का आदेश
उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी के दावे को गलत ठहराते हुए शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया। आयोग ने निर्देश दिया कि:
✅ IDBI बैंक को बीमा राशि का भुगतान किया जाए।
✅ वसूली में देरी होने पर 9% वार्षिक ब्याज का भुगतान किया जाए।
✅ शिकायतकर्ता को मानसिक प्रताड़ना के लिए 25,000 रुपये मुआवजा दिया जाए।
बीमा दावों पर असर
इस फैसले के बाद बीमा कंपनियां डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को पहले से मौजूद बीमारी बताकर क्लेम खारिज नहीं कर पाएंगी। यह फैसला उन लोगों के लिए राहत भरा है जो बीमा कंपनियों द्वारा अनुचित तरीके से दावों की अस्वीकृति का शिकार होते हैं।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।