भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि विभाग की सभी योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों का सर्वांगीण विकास तथा महिला सशक्तिकरण है। उन्होंने निर्देश दिए कि योजनाओं का क्रियान्वयन पूर्ण पारदर्शिता और सुशासन की भावना के साथ किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ सरलता से पहुंच सके। उन्होंने IT आधारित मॉनिटरिंग को और अधिक प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया।
बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में विभाग की दो वर्षों की उपलब्धियां, नवाचार और आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में ड्रॉपआउट रोकने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना राज्य की बेटियों के भविष्य से जुड़ी अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने निर्देश दिया कि योजना में किसी चरण पर भी लाभार्थी बेटियों का ड्रॉपआउट नहीं होना चाहिए। यदि कहीं ड्रॉपआउट के मामले मिलते हैं तो तत्काल कारणों का समाधान कर बच्चियों को फिर से योजना से जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों से जुड़ी योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पारदर्शिता, समयबद्धता और लाभार्थी-केंद्रित व्यवस्था को और मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है।
विभागों के बीच समन्वय पर जोर
मुख्यमंत्री ने पोषण, स्वास्थ्य, कौशल विकास और रोजगार के क्षेत्र में स्कूल शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, तकनीकी शिक्षा और उद्योग विभाग के साथ मजबूत समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला स्तर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से समन्वय कर आंगनवाड़ी केंद्रों में बाउंड्रीवॉल निर्माण की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने जिलों में चल रहे नवाचारों की प्रभावशीलता का वैज्ञानिक अध्ययन कर उन्हें अन्य जिलों में लागू करने को कहा।
विभाग की प्रमुख उपलब्धियां
बैठक में बताई गई प्रमुख उपलब्धियां—
देश में पहली बार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ऑनलाइन पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू।
टेक-होम राशन की FRS प्रक्रिया में मध्यप्रदेश प्रथम।
स्पॉन्सरशिप योजना में 20,243 बच्चों को लाभ — देश में दूसरा स्थान।
भवन निर्माण की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए आधुनिक डिजिटल मॉड्यूल विकसित।
20 मीटर जियोफेंसिंग आधारित उपस्थिति प्रणाली लागू।
पीएम मातृ वंदना योजना में 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ रुपये की सहायता।
लाड़ली बहना योजना में जनवरी 2024 से नवंबर 2025 तक 36,778 करोड़ रुपये का अंतरण।
1.72 लाख महिलाओं को हेल्पलाइन से सहायता एवं 52,095 महिलाओं को वन स्टॉप सेंटर से सुरक्षा।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में 6,520 ड्राइविंग लाइसेंस और 8,637 बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण।
12,670 आंगनवाड़ी केंद्र सक्षम घोषित।
विभागीय बैठकों के क्रम में आज महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में महिला सशक्तिकरण, बच्चों के स्वास्थ्य सुधार, लाड़ली बहना योजना की प्रगति एवं प्रभाव सहित विभागीय योजनाओं की समग्र स्थिति पर चर्चा की और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। लखपति दीदी की संख्या बढ़ाने हेतु… pic.twitter.com/7g8TDgTm7n
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 3, 2025
जिलों में नवाचार मॉडल
डिण्डौरी – रेवा प्रोजेक्ट के तहत बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच और पोषण एवं स्वच्छता किट वितरण।
अशोकनगर – ‘हृदय अभियान’ के तहत जनसहयोग से बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध।
देवास – किलकारी अभियान में निजी संस्थाओं की सहभागिता बढ़ी।
नीमच – ‘हमारी आंगनवाड़ी’ अभियान में कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए पोषण मित्र नियुक्त।
दतिया – ‘मेरा बच्चा’ अभियान में सक्षम व्यक्तियों को कुपोषित बच्चों को गोद लेने हेतु प्रोत्साहन।
अगले तीन वर्षों की प्रमुख कार्य योजनाएँ
2026 से शहरी आंगनवाड़ियों में सेंट्रल किचन से गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
2047 विज़न के अनुरूप शाला पूर्व शिक्षा सुधार हेतु वर्कबुक और विकास कार्ड लागू होंगे।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में 34 लाख बालिकाओं को छात्रवृत्ति/प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
9,000 नए आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण।
महिलाओं की सुरक्षा, कानूनी जागरूकता और जेंडर संवेदनशीलता के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान।
स्कूल छोड़ चुकी बालिकाओं की शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, आत्मरक्षा और ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध कराने की योजना।














