
CJI Sanjiv Khanna on Lokpal Day: नई दिल्ली। लोकपाल दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने लोकतंत्र, शांति और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी लड़ाई की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान में लोकपाल और उससे जुड़ी संस्थाओं का महत्व तो है, लेकिन इनका सफल संचालन सुनिश्चित करने के लिए ईमानदार, कुशल और जिम्मेदार लोगों की आवश्यकता है।
लोकतंत्र से समाज में शांति और सद्भाव
सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, “जब देश में लोकतंत्र प्रभावी और मजबूत होता है, तो समाज में उथल-पुथल और आंतरिक अस्थिरता कम होती है। शांति और सद्भाव लोकतंत्र को बढ़ावा देते हैं।” हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि लोकतंत्र के तहत प्रगति धीमी हो सकती है और शुरुआत में रुकावटें आ सकती हैं। लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गहराई और उसका प्रभाव सतही चुनौतियों से कहीं अधिक व्यापक और स्थायी होता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत लड़ाई जरूरी
सीजेआई ने कहा कि लोकतंत्र और जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई को सशक्त करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार विरोधी प्रयास केवल घोटालों को रोकने तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि इन प्रयासों को लोकतंत्र को मजबूत करने के साधन के रूप में देखा जाना चाहिए।”
संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का प्रभाव केवल आर्थिक नुकसान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के जीवन को भी गहराई से प्रभावित करता है।
संस्थाओं के संचालन में जिम्मेदार लोगों की भूमिका
सीजेआई ने लोकपाल और अन्य संवैधानिक संस्थाओं की उपयुक्तता को रेखांकित करते हुए कहा कि इन संस्थाओं का अस्तित्व तभी सार्थक है, जब इनके संचालन में ईमानदार और कुशल लोग शामिल हों। उन्होंने कहा, “जैसे एक अच्छा संविधान समाज को सही दिशा में ले जाता है, वैसे ही इन संस्थाओं के बेहतर संचालन के लिए जिम्मेदार लोगों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
भ्रष्टाचार से निपटने के लिए तकनीक का उपयोग
भ्रष्टाचार जैसी जटिल समस्या से निपटने के लिए सीजेआई ने तकनीकी साधनों के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक और साइबर जांच जैसी विशेषज्ञताओं को बढ़ावा देना आज के समय की जरूरत है। सीबीआई, सीवीसी जैसी संस्थाएं न्यायालय के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रही हैं।
लोकतंत्र का संदेश: शांति और प्रगति
कार्यक्रम के अंत में सीजेआई ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था समाज में शांति और स्थायित्व का आधार है। भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ लोकतांत्रिक तरीकों से आगे बढ़ाने की जरूरत है। मानवाधिकारों का सम्मान और संस्थागत पारदर्शिता लोकतंत्र को एक स्थायी दिशा प्रदान कर सकते हैं।
लोकपाल दिवस पर सीजेआई का यह संबोधन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक स्पष्ट संदेश था, जो न केवल न्यायिक बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता को भी उजागर करता है।