Tuesday, July 1, 2025
Your Dream Technologies
HomeHealthएचएमपीवी वायरस: भारत में 3 मामले, बच्चों पर खतरा, जानें कैसे करें...

एचएमपीवी वायरस: भारत में 3 मामले, बच्चों पर खतरा, जानें कैसे करें बचाव

China HMPV virus symptoms,: चीन और मलेशिया के बाद अब भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के तीन मामलों की पुष्टि हुई है। ये सभी मामले 2 साल से कम उम्र के बच्चों में पाए गए हैं। इनमें से दो मामले कर्नाटक और एक गुजरात के अहमदाबाद में दर्ज किए गए हैं। इस वायरस को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे- क्या यह कोविड जितना खतरनाक है? क्या भारत में भी इसका खतरा बढ़ सकता है? इन सवालों के जवाब और बचाव के तरीके जानने के लिए विशेषज्ञों से बातचीत की गई है।

HMPV वायरस क्या है?

FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन के अनुसार, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक ऐसा वायरस है जो सांस संबंधी बीमारियों का कारण बनता है। यह वायरस उसी समूह से है जिसमें आरएसवी और खसरा के वायरस आते हैं। इसके लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं, जिनमें खांसी, जुकाम, बुखार और गंभीर मामलों में सांस लेने में परेशानी शामिल है।

इस वायरस के अधिकतर मामले 5 साल से कम उम्र के बच्चों में आते हैं।


HMPV कैसे फैलता है?

एचएमपीवी वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने या वायरस से दूषित वस्तुओं को छूने से फैलता है।

  • संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से
  • संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या गले मिलने से
  • दरवाज़े के हैंडल, कीबोर्ड, खिलौनों जैसी सतहों को छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से

HMPV के गंभीर लक्षण

डॉ. रोहन ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति या बच्चे को:

  • तेज बुखार (103°F/40°C से अधिक),
  • सांस लेने में दिक्कत,
  • त्वचा, होंठ या नाखून का नीला पड़ना (सायनोसिस) जैसे लक्षण दिखें,
    तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

क्या भारत में भी है खतरा?

विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस नया नहीं है और पहले से ही भारत में मौजूद है। सामान्य फ्लू के मामलों में से 0.8% मामले एचएमपीवी के होते हैं।

  • भारत में आए तीनों मामलों में किसी की भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा की कोई हिस्ट्री नहीं है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह वायरस भारत में ही सक्रिय है।
  • हालांकि, घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ज्यादातर संक्रमित बच्चों में हल्के लक्षण ही देखे जाते हैं।

क्या यह कोविड जितना खतरनाक है?

एचएमपीवी और कोविड दोनों ही सांस संबंधी बीमारियां हैं, लेकिन एचएमपीवी कोविड जितना खतरनाक नहीं है। यह एक पुराना वायरस है और इसके मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। हालांकि, सावधानी बरतना जरूरी है।


HMPV से बचाव के तरीके

  1. हाथों की सफाई: नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं।
  2. छींकने-खांसने के शिष्टाचार: नाक और मुंह को रूमाल या कोहनी से ढकें।
  3. मास्क का उपयोग: बीमार होने पर मास्क पहनें।
  4. सतहों को छूने से बचें: दरवाज़े के हैंडल, खिलौने जैसी सतहों को छूने के बाद चेहरे को छूने से बचें।
  5. बच्चों का खास ध्यान रखें: उनके संपर्क में आने वाली वस्तुओं और सतहों को साफ रखें।

एचएमपीवी एक सामान्य फ्लू जैसा वायरस है, लेकिन बच्चों के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए सतर्क रहना और बचाव के उपाय अपनाना जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, पैनिक होने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी ही सुरक्षा है।

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button