दिल्ली में छठ पर्व को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। इस बार खास बात यह है कि 5 साल बाद यमुना घाटों पर छठ पूजा का आयोजन होने जा रहा है। लेकिन इस बार यह सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि राजनीतिक अखाड़ा भी बन गया है। यमुना की सफाई और छठ घाटों के निर्माण को लेकर दिल्ली की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार और विपक्षी आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच तीखी सियासी जंग छिड़ गई है।
दोनों ही दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं और जनता के बीच अपने-अपने पक्ष को मजबूत करने में जुटे हैं।
27 साल बाद यमुना घाटों पर छठ की वापसी
पिछले पांच सालों से यमुना किनारे छठ मनाने पर पाबंदी थी। लेकिन 27 साल बाद बनी दिल्ली की बीजेपी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि इस बार श्रद्धालु फिर से यमुना के तटों पर छठ पूजा कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने निर्देश दिए हैं कि पल्ला से लेकर ओखला तक यमुना के पूरे विस्तार में घाट तैयार किए जाएं। सरकार का दावा है कि इस बार श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होगी।
सरकार के अनुसार, इस बार 1,500 से अधिक कृत्रिम और स्थायी घाट बनाए जा रहे हैं। पारंपरिक स्थल जैसे कालिंदी कुंज, ITO और वजीराबाद को अपग्रेड किया गया है। प्रशासन का कहना है कि इस बार यमुना में झाग नहीं दिखाई देगा और पूरी सफाई, सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है।
AAP का सीएम रेखा गुप्ता को चैलेंज
वहीं, आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेर लिया है। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने चुनौती दी है कि अगर यमुना सच में साफ है, तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनके मंत्री खुद उसका पानी पीकर दिखाएं।
उन्होंने कहा कि जब केजरीवाल सरकार के दौरान यमुना की सफाई के लिए केमिकल स्प्रे किया गया था, तब बीजेपी ने इसे “जहर” बताया था। लेकिन अब वही केमिकल मौजूदा सरकार इस्तेमाल कर रही है। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि “बीजेपी केवल राजनीति कर रही है, सफाई नहीं।”
पर्यावरण मंत्री सिरसा का जवाब
इस पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह वही केमिकल है जिसे AAP सरकार 10 सालों से इस्तेमाल करती आई है। उन्होंने कहा,
“वो केमिकल सेफ है या नहीं, इसका जवाब तो आम आदमी पार्टी दे, क्योंकि वही इसे वर्षों से इस्तेमाल कर रही है।”
सिरसा ने यह भी जोड़ा कि मौजूदा सरकार छठ पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान करते हुए तैयारियां कर रही है।
अखिलेश यादव भी कूदे मैदान में
दिल्ली की यह सियासत अब उत्तर प्रदेश तक जा पहुंची है। समाजवादी पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार नदियों को साफ रखने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि यमुना में झाग हटाने के लिए इस्तेमाल हो रहे केमिकल से उत्तर प्रदेश तक प्रदूषण फैल रहा है।
उनके आरोपों पर मंत्री सिरसा ने पलटवार किया और कहा,
“अखिलेश यादव वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। वे एक वर्ग को खुश करने के लिए हिंदुओं को टारगेट करते हैं, जबकि छठ पूजा देश की आस्था और संस्कृति से जुड़ा पर्व है।”
पूर्वांचली वोटरों पर निगाहें
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यमुना घाटों पर छठ पूजा को लेकर हो रही इस सियासत के केंद्र में पूर्वांचली वोटर हैं। दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से आए प्रवासी रहते हैं, जो छठ को बेहद श्रद्धा से मनाते हैं।
इन समुदायों का दिल्ली की राजनीति में अहम प्रभाव है। यही वजह है कि बीजेपी और AAP दोनों पार्टियां छठ के बहाने इन मतदाताओं को साधने की कोशिश में हैं।
विशेष रूप से इस बार बिहार विधानसभा चुनाव भी नजदीक हैं, ऐसे में दिल्ली में छठ पर्व के जरिए राजनीतिक दल अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने की जुगत में हैं।














