कोलकाता — पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर केंद्र सरकार पर बरसी हैं, लेकिन इस बार सिर्फ शब्दों से नहीं, एक जमीनी योजना के हथियार के साथ। ममता ने ऐलान किया है कि भले ही केंद्र ने राज्य का 1.75 लाख करोड़ रुपये रोक रखा हो, लेकिन उनकी सरकार जनता के आशीर्वाद से 93 सामाजिक योजनाएं आज भी जारी रखे हुए है। और अब, बंगाल की गलियों में एक नई क्रांति उतरने जा रही है—“आमादेर पारा, आमादेर समाधान”।
क्या है ‘आमादेर पारा, आमादेर समाधान’?
ममता बनर्जी की यह नई योजना दिखने में साधारण है, लेकिन इसका उद्देश्य असाधारण है—छोटी-छोटी समस्याओं को वहीं हल करना जहां वे पैदा होती हैं।“कभी बिजली का खंभा, कभी नल, कभी रास्ता—ये वही समस्याएं हैं जो आम जनता की असली जिंदगी को प्रभावित करती हैं,” ममता ने कहा।
अब सरकार खुद सड़कों पर उतरेगी। हर 3 बूथों पर एक यूनिट, जो दिनभर लोगों की समस्याएं सुनेगी। बंगाल भर के 80,000 बूथों को दो महीनों में कवर किया जाएगा।
हर बूथ को 10 लाख, कुल बजट 8000 करोड़!
ममता सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। प्रत्येक बूथ को 10 लाख रुपये की निधि, और पूरे कार्यक्रम के लिए 8000 करोड़ रुपये का विशाल बजट।“केंद्र से कुछ नहीं मिला, फिर भी हम लोगों के साथ खड़े हैं। यह हमारी प्रतिबद्धता है,” ममता ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा।
2 अगस्त से मैदान में उतरेगी प्रशासनिक फौज
2 अगस्त से शुरू होगा यह महा-अभियान।
हर बूथ पर पूरे दिन अधिकारी मौजूद रहेंगे।
समस्याएं सुनी जाएंगी, और मौके पर समाधान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राज्य और ज़िला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसकी निगरानी खुद मुख्य सचिव करेंगे।
और हाँ—पुलिस भी शामिल होगी, ताकि कोई समन्वय में रुकावट ना आए।
ममता बनर्जी का सीधा संदेश:“केंद्र आत्मनिर्भरता की बात करता है, पर हमें सब कुछ खुद ही करना पड़ता है। इसलिए, हम देश को दिखा रहे हैं कि असली आत्मनिर्भरता क्या होती है।”
यह सिर्फ एक योजना नहीं, 2024-25 की रणनीति है?
राजनीतिक विश्लेषक इसे 2025 के पंचायत और 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के रूप में देख रहे हैं।
‘दुआरे सरकार’ से ममता को ज़बरदस्त जन समर्थन मिला था—क्या ‘आमादेर समाधान’ उसी मॉडल को और नीचे तक ले जाने की रणनीति है?
मुख्य हाइलाइट्स संक्षेप में:
₹1.75 लाख करोड़ बकाया पर केंद्र को घेरा
दुआरे सरकार’ के बाद अब ‘आमादेर समाधान’
हर बूथ को ₹10 लाख की निधि
2 महीने में राज्यभर में कार्यक्रम
8000 करोड़ रुपये का बजट
पुलिस, प्रशासन, टास्क फोर्स—all on ground!