Wednesday, August 13, 2025
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CBI की ताबड़तोड़ रेड: तमिलनाडु में 120.84 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले की जांच,6 स्थानों पर छापेमारी

चेन्नई / बेंगलुरु, [तत्काल] — केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को तमिलनाडु में एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में छानबीन के तहत छः स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मद्रास हाई कोर्ट के निर्देश पर दर्ज मामलों की जांच के हिस्से के रूप में की जा रही है। प्रकरण CBI की बेंगलुरु शाखा में रजिस्टर किया गया है और इसमें कुल ₹120.84 करोड़ के वित्तीय हानि का अनुमान लगाया गया है।

मामला — कौन शिकायतकर्ता और किस पर आरोप

शिकायत भारतीय ओवरसीज बैंक, चेन्नई ने दर्ज कराई थी। बैंक का आरोप है कि कांचीपुरम स्थित कंपनी M/s Padmadevi Sugars Limited के साथ जुड़े कुछ समूह और अन्‍य संस्थाओं ने बैंक के साथ साजिश कर यह धोखाधड़ी की — जिसमें फर्जीवाड़ा, संपत्ति का गबन और वित्तीय जालसाज़ी शामिल बताए जा रहे हैं।

संदिग्ध लेन-देन में शामिल अन्य कंपनियाँ

CBI ने जाँच के दौरान जिन अन्य प्राइवेट कंपनियों के साथ संदिग्ध लेन-देन पाए हैं, उनमें प्रमुख हैं:

M/s Appu Hotels Limited

M/s Otium Wood Industries

आरोपों का स्वरूप — बैंक फंड का दुरुपयोग

एफआईआर में मुख्य तौर पर यह आरोप दर्ज है कि:

आरोपितों ने बैंक से अलग-अलग क्रेडिट सुविधाएँ धोखाधड़ी के माध्यम से लीं।

प्राप्त धनराशि को बहन कंपनियों व असंबद्ध संस्थाओं में डायवर्ज किया गया।

निजी कंपनियों को बिना उचित ब्याज/शर्तों के अग्रिम अदा किए गए।

संदिग्ध नकद जमा और नोटबंदी के समय अजीबो-गरीब कैश मूवमेंट के आँकड़े मिले।शक है कि रकम को शेल कंपनियों या बेनामी प्रतिष्ठानों के जरिए छुपाया गया और वास्तविक उपयोग छिपा दिया गया।

छापेमारी के दायरे और बरामदगी

CBI ने छापेमारियों के दौरान तेनकासी, चेन्नई और तिरुचिरापल्ली सहित कुल छह ठिकानों पर कार्रवाई की। रेड में शामिल स्थानों में आरोपी कंपनी के निदेशकों व अफसरों के आवास, व्यावसायिक ठिकाने और संदिग्ध लेन-देन करने वाली दोनों प्राइवेट कंपनियों के कार्यालय शामिल थे। शुरुआती बरामदगी में प्रमुख चीजें शामिल हैं:

वित्तीय दस्तावेज़ व रिकॉर्ड,

डिजिटल डिवाइस (मोबाइल, लैपटॉप आदि),

बैंकिंग व कंपनी सम्बन्धी कागजात जिनका फोरेंसिक विश्लेषण जारी है।

कानूनी पृष्ठभूमि और जांच की दिशा

मामला मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के बाद CBI के पास आया और यह प्रकरण अब PMLA/वित्तीय धोखाधड़ी की रूपरेखा में गहराई से खंगाला जा रहा है। CBI का उद्देश्य फंड-फ्लो का नक्शा बनाकर स्रोत से लेकर अंतिम लाभार्थी तक की चेन स्थापित करना है। इसके लिए डेटा-फोरेंसिक, बैंक-लेनदेन ट्रेसिंग और संबंधित कंपनी रजिस्ट्रेशन दस्तावेज़ों की जांच की जा रही है।

अगला कदम

जांच अभी प्रारम्भिक चरण में है। CBI आवश्यक साक्ष्य जुटाकर आरोपियों के विरुद्ध संभावित प्राथमिकी/व्यापक आपराधिक अभियोजन तथा संपत्ति जप्ती/अटैचमेंट की कार्रवाई कर सकती है। जांच के आगे के निष्कर्षों और किसी गिरफ्तारी/आदेश के बारे में एजेंसी की औपचारिक घोषणा आने पर और अपडेट दिए जाएंगे।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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