गाजीपुर – नोनहरा थाना क्षेत्र में 9 सितंबर 2025 को भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की पुलिस लाठीचार्ज में मौत के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गुस्सा और आक्रोश फैल गया है। सियाराम उपाध्याय, जो दिव्यांग थे, बिजली के खंभे लगाने के विरोध में शांतिपूर्ण धरने पर बैठे थे। रात के अंधेरे में पुलिस ने उन पर बर्बरता से लाठीचार्ज किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और 11 सितंबर को उनकी मौत हो गई।
इस घटना के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। एसपी डॉ. ईरज राजा ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए नोनहरा थाने के प्रभारी निरीक्षक सहित 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया और पांच को लाइन हाजिर किया।
भाजपा के जुझारू छात्र नेता निमेष पांडे ने इस मामले में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात की और उन्हें पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने तत्कालीन एसपी डॉ. ईरज राजा को निलंबित करने की मांग की। निमेष पांडे ने पत्र में आरोप लगाया कि एसपी डॉ. ईरज राजा ने पुलिसकर्मियों को भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करने के लिए उकसाया और उनकी मौजूदगी में यह घटना हुई।
निमेष पांडे ने पत्र में यह भी कहा कि एसपी डॉ. ईरज राजा का रिकॉर्ड रहा है कि जहां भी वह तैनात रहे, भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बर्बरता की घटनाएं हुईं। उन्होंने मांग की कि एसपी डॉ. ईरज राजा को गाजीपुर से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी गठित की जाए।