BPSC exam controversy:बिहार में बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन रविवार को उग्र हो गया। पटना के गांधी मैदान में धर्म संसद के बाद छात्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए उनके आवास की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर के पास रोकने की कोशिश की, लेकिन जब छात्र नहीं माने तो लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर उन्हें तितर-बितर किया गया। इस लाठीचार्ज में कई छात्रों को चोटें आईं।
प्रशांत किशोर और 600 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज
इस घटना के बाद जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के अध्यक्ष समेत 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसमें 19 लोग नामजद हैं। प्रशांत किशोर छात्रों के समर्थन में गांधी मैदान पहुंचे थे और उनके साथ मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़े थे। हालांकि, लाठीचार्ज के दौरान वे घटनास्थल से निकल चुके थे।
सरकार बातचीत के लिए तैयार: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्रों से बातचीत का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि छात्रों की 5 सदस्यीय कमेटी मुख्य सचिव से मुलाकात करेगी। उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया कि वे कानून का उल्लंघन न करें और बातचीत के नतीजे का इंतजार करें। प्रशांत किशोर ने कहा, “अगर सरकार का फैसला छात्रों के पक्ष में नहीं हुआ, तो हम पूरी ताकत से उनके साथ खड़े रहेंगे।”
बीपीएससी छात्रों की मुख्य मांगें
छात्र 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा को रद्द कर नई प्रक्रिया के तहत परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, प्रश्नपत्र की तैयारी से लेकर परीक्षा प्रक्रिया तक गहन जांच की मांग की जा रही है। छात्रों ने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार करने की भी मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों।
सियासत गरमाई, कांग्रेस और आप ने साधा निशाना
छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा।
- कांग्रेस: कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने ठंड में युवाओं पर वाटर कैनन और लाठियां बरसाई। बेरोजगार युवाओं की बात सुनने के बजाय उनके आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया।
- आप नेता संजय सिंह: संजय सिंह ने लाठीचार्ज को “तानाशाही का उदाहरण” बताया। उन्होंने कहा, “देश लाठी से नहीं, संवाद और संविधान से चलेगा।”
छात्रों के आंदोलन से सरकार पर बढ़ा दबाव
बीपीएससी अभ्यर्थियों के आंदोलन ने बिहार सरकार के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। छात्रों की मांगें और विपक्ष का तीखा विरोध सरकार के लिए कठिन हालात पैदा कर रहे हैं।
VIKAS TRIPATHI
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