मैसूरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने उनकी सरकार गिराने के लिए 50 कांग्रेस विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की थी।
सिद्धारमैया ने दावा किया कि कांग्रेस के किसी भी विधायक ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, जिससे हताश बीजेपी अब उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा रही है। उन्होंने सवाल किया, “इतनी बड़ी रकम कहां से आई? क्या पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा, बसवराज बोम्मई, विपक्ष के नेता आर. अशोक और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने यह पैसा छाप रखा है?”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सारा पैसा भ्रष्टाचार से कमाया गया है, और इसी रकम का इस्तेमाल विधायकों को खरीदने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे किसी विधायक ने इस बार उनका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। इसलिए अब वे सरकार गिराने के लिए साजिश रच रहे हैं और झूठे केस दर्ज करवा रहे हैं।”
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के पास 133 विधायक हैं, जबकि बीजेपी और उसके सहयोगी जेडीएस के पास क्रमशः 65 और 18 विधायक हैं। सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि बीजेपी गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आयकर, सीबीआई और ईडी के जरिए धमका रही है। उन्होंने एमयूडीए साइट आवंटन घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ लगाए गए आरोप “100 प्रतिशत झूठे” हैं।
सिद्धारमैया ने कहा, “मैं राजनीति में आज से नहीं हूं, बल्कि चार दशकों से हूं। मैं दो बार नेता प्रतिपक्ष, दो बार उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुका हूं। मेरे खिलाफ कोई दाग नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “आज वे मेरे और मेरी पत्नी पर 14 साइट लेने का झूठा आरोप लगा रहे हैं। क्या सिद्धारमैया को राजनीति में 14 साइट की जरूरत है? वे जनता को मूर्ख समझते हैं। जब तक जनता का आशीर्वाद मेरे साथ है, मैं किसी के आगे झुकने वाला नहीं हूं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी और जेडीएस ने ईडी और राज्यपाल का दुरुपयोग कर उनके खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उदाहरण देते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
सिद्धारमैया ने दावा किया कि बीजेपी 2008 और 2019 में बिना जनादेश के सत्ता में आई थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2019 में कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों को खरीदने के लिए 30-30 करोड़ रुपये दिए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “उन्होंने प्रत्येक विधायक को 30 करोड़ रुपये दिए। इतनी रकम कहां से आई? क्या यह भ्रष्टाचार का पैसा नहीं है? दूसरी ओर, कांग्रेस ने 2013 में 120 और 2023 में 136 सीटें जीतीं।”
इस आरोप से कर्नाटक की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है, और यह मामला अब बड़े विवाद का रूप ले सकता है।
VIKAS TRIPATHI
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