
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक नंद किशोर गुर्जर को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने 23 मार्च को यह नोटिस जारी करते हुए कहा कि विधायक द्वारा सार्वजनिक मंचों पर राज्य सरकार की आलोचना और उनके बयानों से पार्टी की छवि धूमिल हुई है।
कलश यात्रा के दौरान सांप्रदायिक तनाव की साजिश का आरोप
गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर ने 27 मार्च को नोटिस का जवाब भेजते हुए दावा किया कि उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कलश यात्रा के दौरान जानबूझकर तनाव पैदा करने की योजना बनाई गई थी।
🔹 गुर्जर के मुताबिक, लखनऊ में तैनात एक IPS अधिकारी ने पहले ही आगाह कर दिया था कि स्थानीय पुलिस राम कथा से पहले आयोजित कलश यात्रा में बाधा उत्पन्न करेगी।
🔹 उन्होंने कहा कि तीन मुस्लिम लड़कों ने उन्हें बताया कि पुलिस ने उनके साथ मिलकर सांप्रदायिक दंगे की योजना बनाई थी और छतों से पत्थरबाजी की साजिश रची गई थी।
🔹 पुलिस इसे बहाना बनाकर उन पर गोली चलाने की योजना बना रही थी, ताकि पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग दिया जा सके।
महिलाओं पर लाठीचार्ज और पुलिस की बर्बरता का आरोप
गुर्जर ने अपने जवाब में कहा कि कलश यात्रा में लगभग 11 हजार महिलाएं सिर पर कलश रखकर नंगे पैर चल रही थीं, लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए उन्हें रोक दिया कि यात्रा के लिए अनुमति नहीं ली गई।
🔸 विधायक ने दावा किया कि उन्होंने प्रशासन से पूरी अनुमति ली थी, फिर भी पुलिस ने महिलाओं पर लाठीचार्ज किया।
🔸 महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया, जबकि वे उपवास के दौरान धार्मिक यात्रा में शामिल थीं।
🔸 पुलिस ने उनके समर्थकों से भी मारपीट की, जिससे कई लोग घायल हुए।
“राम कथा आयोजित करना अनुशासनहीनता कैसे?” – विधायक का सवाल
गुर्जर ने कहा, “अगर राम कथा का आयोजन करना अनुशासनहीनता है, तो पार्टी को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि आगे से ऐसा कोई आयोजन न किया जाए।”
🔹 उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुमराह करने का आरोप लगाया।
🔹 उन्होंने सवाल उठाया कि महिलाओं पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
🔹 उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव सबसे भ्रष्ट अधिकारी हैं, जो सरकार को नियंत्रित कर रहे हैं और सरकारी खजाने को लूट रहे हैं।
“उत्तर प्रदेश की अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार”
गुर्जर ने 21 मार्च को एक प्रेस वार्ता में खुलकर सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा:
🔸 “उत्तर प्रदेश की अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है। अधिकारी मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं और सरकारी खजाने की लूट मची हुई है।”
🔸 “मुख्य सचिव योगी आदित्यनाथ को नियंत्रित कर रहे हैं और भ्रष्टाचार का अड्डा चला रहे हैं।”
🔸 “अधिकारियों ने अयोध्या में जमीन लूटी है।”
गुर्जर फटे हुए कुर्ते में प्रेस वार्ता में शामिल हुए और दावा किया कि पुलिस ने उनके कपड़े फाड़ दिए।
कारण बताओ नोटिस और अनुशासनात्मक कार्रवाई का संकेत
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि विधायक सार्वजनिक रूप से सरकार की आलोचना कर रहे हैं, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
🔹 राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के निर्देशानुसार, गुर्जर को 7 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया था।
🔹 नोटिस में चेतावनी दी गई कि समुचित जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्या गुर्जर पर होगी सख्त कार्रवाई?
बीजेपी में आमतौर पर सरकार के खिलाफ खुली आलोचना को बर्दाश्त नहीं किया जाता। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी उनके खिलाफ सख्त कदम उठाएगी या उनके जवाब के बाद मामला ठंडा पड़ जाएगा।
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