Saturday, October 25, 2025
Your Dream Technologies
HomeUttar Pradeshयूपी विधान परिषद चुनाव: बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने मदरसा ग्रेजुएट्स को मतदाता...

यूपी विधान परिषद चुनाव: बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने मदरसा ग्रेजुएट्स को मतदाता सूची से बाहर करने की मांग की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद (एमएलसी) के स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में वोट डालने के अधिकार को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अल्पसंख्यक मोर्चा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की है कि मदरसा शिक्षा बोर्ड से ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन (कामिल और फाज़िल) करने वाले व्यक्तियों को विधान परिषद चुनावों की स्नातक मतदाता सूची में शामिल न किया जाए।

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने अपने पत्र में कहा है कि कामिल (Graduation) और फाज़िल (Post-Graduation) डिग्रियां पारंपरिक मदरसा शिक्षा प्रणाली के तहत दी जाती हैं, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा निर्धारित उच्च शिक्षा मानकों से मेल नहीं खातीं। उन्होंने इस प्रक्रिया को “कानूनी रूप से गलत” और “शिक्षा व्यवस्था के मानदंडों के विरुद्ध” बताया है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला

जमाल सिद्दीकी ने अपने पत्र में 5 नवंबर 2024 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया है, जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 की वैधता को बरकरार तो रखा गया था, लेकिन इसके तहत दी जाने वाली कामिल और फाज़िल डिग्रियों को असंवैधानिक घोषित किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि इन डिग्रियों को स्नातक और परास्नातक डिग्रियों के समकक्ष मानना यूजीसी अधिनियम के विपरीत है, क्योंकि यूजीसी ही देश में उच्च शिक्षा के मानकों को नियंत्रित करने वाली वैधानिक संस्था है।

विधान परिषद कानून से टकराव

उत्तर प्रदेश विधान परिषद अधिनियम, 1961 की धारा 6(3) के अनुसार, स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से मतदान या उम्मीदवार बनने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय के बाद मदरसा बोर्ड की कामिल और फाज़िल डिग्रियों को अब यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त डिग्रियों के समकक्ष नहीं माना जा सकता।

सिद्दीकी की मुख्यमंत्री से अपील

जमाल सिद्दीकी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुपालन में, कामिल और फाज़िल डिग्री धारकों को एमएलसी के स्नातक मतदाता सूची में शामिल करने की प्रक्रिया तत्काल रोकी जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने पर “यह न केवल न्यायालय की अवमानना होगी, बल्कि चुनावी प्रक्रिया की वैधता पर भी सवाल उठेंगे।”

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button