
Bihar Land Survey:बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम तेजी से जारी है, लेकिन जमीन की मापी को लेकर रैयतों को अब तक कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। जमीन मालिकों को बार-बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था। इस समस्या को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक नई पहल की है। अब अगर आपकी जमीन का दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) नहीं हुआ है, तो भी आप मापी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बिना जमाबंदी भी होगी जमीन की मापी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बैठक के दौरान निर्देश दिया कि बिना जमाबंदी के भी जमीन की मापी का प्रावधान लागू किया जाए।
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
यदि आपकी जमीन का म्यूटेशन किसी कारणवश नहीं हुआ है, तो अब आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, समय पर मापी शुल्क का भुगतान करना अनिवार्य होगा, अन्यथा आपका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा। इसके लिए 60 दिनों की समय सीमा निर्धारित की गई है।
विभाग ने यह भी निर्णय लिया है कि लोगों को आवेदन और मापी रिपोर्ट ऑनलाइन ही उपलब्ध कराई जाए।
सरकारी और लंबित मामलों की भी होगी मापी
बैठक में यह निर्देश भी दिया गया कि अब सरकारी जमीन, अदालत के आदेश से जुड़ी जमीन, विधि-व्यवस्था से संबंधित भूमि और लोक शिकायत निवारण में शामिल जमीनों को भी ई-मापी पोर्टल पर जोड़ा जाएगा।
ई-मापी पोर्टल से भू-अभिलेख को जोड़ा जाएगा
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ई-मापी पोर्टल को जल्द से जल्द भू-अभिलेख पोर्टल से जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि रैयत अपनी जमीन की मापी की सत्यापित प्रति आसानी से प्राप्त कर सकें।
पहले केवल रैयती भूमि की मापी की जा रही थी, लेकिन अब अंचल अधिकारी या अन्य सरकारी अधिकारी भी सरकारी भूमि की मापी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
यह कदम न केवल रैयतों को राहत देगा, बल्कि भूमि विवादों के मामलों को भी तेजी से निपटाने में मदद करेगा।