बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सूबे में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी दल संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार से दो दिवसीय बिहार दौरे पर रहेंगे, जहां वह पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे।
दो बड़े क्षेत्रीय बैठकें
अमित शाह गुरुवार को सबसे पहले डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास) पहुंचेंगे। यहां स्व. ललन सिंह स्टेडियम में वह मगध और शाहाबाद क्षेत्र के 10 जिलों—रोहतास, कैमूर, गया पूर्व-पश्चिम, नवादा, आरा, बक्सर, जहानाबाद, अरवल और औरंगाबाद के नेताओं व कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे।
इसके बाद शाह बेगूसराय जाएंगे। वहां पटना और मुंगेर संभाग के 10 जिलों—पटना ग्रामीण, पटना महानगर, बाढ़, नालंदा, लखीसराय, खगड़िया, शेखपुरा, मुंगेर, जमुई और बेगूसराय के संगठन पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
2000-2500 कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद
बीजेपी ने बिहार को पांच संगठनात्मक क्षेत्रों में बांटा है। शाह इस दौरे में दो क्षेत्रों के नेताओं व कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगे। अनुमान है कि वे करीब 2000 से 2500 कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बैठक का मुख्य एजेंडा—चुनावी तैयारियां, बूथ स्तर की मजबूती और सीट बंटवारे पर चर्चा होगा।
“सेवा पखवाड़ा” और घर-घर संपर्क
बीजेपी ने राज्य में प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। 18 से 25 सितंबर तक पार्टी कार्यकर्ता “सेवा पखवाड़ा” के तहत घर-घर संपर्क अभियान चलाएंगे और जनता को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देंगे।
कमजोर इलाकों पर खास नजर
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शाह का यह दौरा खासतौर से मगध और शाहाबाद क्षेत्र को साधने पर केंद्रित है। 2020 विधानसभा चुनाव में यहां एनडीए का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा था। 22 सीटों में से केवल 2 ही सीटें एनडीए के खाते में आई थीं, जबकि महागठबंधन ने 19 सीटें जीती थीं।
2024 लोकसभा चुनाव में भी आरा, काराकाट, बक्सर और सासाराम जैसे इलाकों में एनडीए का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा था। इसी वजह से शाह संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने पर जोर देंगे।
सीट बंटवारे पर भी चर्चा के आसार
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि शाह का यह दौरा जमीनी हकीकत का आकलन और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए है। माना जा रहा है कि बैठकों के दौरान सीट बंटवारे और संभावित उम्मीदवारों पर भी चर्चा हो सकती है।
रणनीतिक महत्व
वरिष्ठ पत्रकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया पूर्णिया दौरे के बाद शाह का यह दौरा चुनावी दृष्टि से बेहद अहम है। बीजेपी ने 225 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है और इसी रणनीति के तहत सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन की योजना बनाई जा रही है।