ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में नगर निगम (BMC) के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू पर हमले के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। बीजेपी नेता जगन्नाथ प्रधान को इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। प्रधान ने गुरुवार शाम स्वेच्छा से डीसीपी ऑफिस पहुंचकर सरेंडर किया, जिसके बाद उन्हें मेडिकल जांच के उपरांत औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने जानकारी दी कि इस मारपीट केस में अब तक कुल 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं, प्रधान को देर रात अदालत में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
हमले का वीडियो हुआ था वायरल, OAS अधिकारी संघ था आंदोलनरत
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें भुवनेश्वर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर रत्नाकर साहू को कुछ लोगों द्वारा कार्यालय से घसीटकर बाहर निकाला गया और बेरहमी से पीटा गया। साहू ने आरोप लगाया था कि हमला बीजेपी नेता जगन्नाथ प्रधान के समर्थकों द्वारा किया गया।
इस घटना के बाद राज्य भर के OAS (Odisha Administrative Service) अधिकारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर विरोध जताया था। लेकिन जगन्नाथ प्रधान की गिरफ्तारी के बाद OAS अधिकारी संघ ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। संघ की अध्यक्ष ज्योति मिश्रा ने पुष्टि करते हुए कहा, “हमारी मांग थी कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। अब जब गिरफ्तारी हो चुकी है, हम अपना आंदोलन समाप्त कर रहे हैं।”
प्रधान बोले – “मैं सहयोग करने आया हूं, बदनाम किया जा रहा है”
गिरफ्तारी से पहले मीडिया से बातचीत में जगन्नाथ प्रधान ने खुद पर लगे आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने कहा,
“मैं जांच में सहयोग करने आया हूं। अगर मेरी गिरफ्तारी से मामला शांत होता है, तो मैं तैयार हूं। लेकिन मुझे और मेरी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।”
नवीन पटनायक और विपक्ष ने उठाए थे सवाल
इस घटना को लेकर ओडिशा की सियासत भी गर्म हो गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद नेता नवीन पटनायक ने हमले का वीडियो साझा करते हुए लिखा था:
“यह वीडियो देखकर मैं स्तब्ध हूं। एक वरिष्ठ अधिकारी को कार्यालय से घसीटकर बेरहमी से पीटा गया। यह घटना एक बीजेपी पार्षद की मौजूदगी में हुई, जो बेहद शर्मनाक है।”
विपक्षी दलों ने भी राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर खुला हमला बोला था। वहीं, कांग्रेस ने भी घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी।
अब आगे क्या?
अब जबकि बीजेपी नेता की गिरफ्तारी हो चुकी है, देखना होगा कि मामले की आगे की जांच किस दिशा में जाती है। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण होगा कि क्या प्रशासनिक तंत्र में दोबारा भरोसा बहाल हो पाएगा या इस घटना का राजनीतिक असर आने वाले दिनों में और गहराएगा।
यह घटना केवल एक प्रशासनिक अधिकारी पर हमला नहीं, बल्कि पूरे तंत्र पर एक गंभीर सवाल है — क्या राजनीतिक ताकत प्रशासनिक गरिमा से ऊपर हो गई है?