
Bengali Community’s Decisive Role in BJP’s Historic Victory in Delhi: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली ऐतिहासिक सफलता के पीछे बंगाली समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका रही। करीब 25 लाख बंगाली परिवारों और 16 लाख से अधिक मतदाताओं ने भाजपा की जीत को सुनिश्चित करने में अहम योगदान दिया। यह पहली बार था जब किसी राजनीतिक दल ने दिल्ली में बंगाली समुदाय की ताकत को इतनी रणनीतिक तरीके से संगठित किया और उसका लाभ उठाया।
बंगाली समाज को साधने की रणनीति बनी गेमचेंजर
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव से एक महीने पहले ही सांसद जयंत राय और ज्योतिर्मय महतो को बंगाली समुदाय के बीच भेजकर उनकी नब्ज टटोलने का कार्य सौंपा। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के दिग्गज नेताओं—भारती घोष, लॉकेट चटर्जी, सुवेंदु अधिकारी, सुकांतो मजूमदार और शाहिद—को दिल्ली बुलाकर विशेष सभाओं का आयोजन किया गया।

94 से अधिक जनसभाओं और बैठकों से बदली सियासी फिजा
दिल्ली में अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने बंगाली समुदाय को लेकर इतनी व्यापक रणनीति नहीं बनाई थी। भाजपा ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए 94 से अधिक बैठकों और सभाओं का आयोजन किया, जिससे बंगाली समुदाय का झुकाव भाजपा की ओर बढ़ता चला गया।
दिल्ली में कहां-कहां प्रभावी है बंगाली समाज?
दिल्ली के विभिन्न विधानसभाओं में बंगाली समुदाय का प्रभाव है, जिनमें मुख्य रूप से—
✅ ग्रेटर कैलाश (GK)
✅ मेहरौली
✅ तुगलकाबाद
✅ नजफगढ़
✅ द्वारका
✅ मंगोलपुरी
✅ नांगलोई जाट
✅ आदर्श नगर
✅ केशव पुरम
✅ शालीमार बाग
✅ उत्तम नगर
✅ जनकपुरी
✅ हरी नगर
✅ बवाना
✅ त्रिलोकपुरी
✅ न्यू अशोक नगर
✅ मयूर विहार
✅ लक्ष्मी नगर
✅ गोंडा विधानसभा
✅ आजादपुर

बंगाली प्रकोष्ठ की सक्रियता से भाजपा को मिली मजबूती
भाजपा ने बंगाली समुदाय को साधने के लिए विशेष रूप से बंगाली प्रकोष्ठ का गठन किया, जिसका संयोजन बड़े ही संगठित और सुनियोजित तरीके से किया गया।
➡ संयोजक: किशोर तरफदार
➡ प्रभारी: श्री तापस राय
➡ मीडिया प्रभारी: राजीव चटर्जी
➡ सह-संयोजक: अरुण मुखर्जी
इन्हें प्रवास अभियान के तहत बंगाली समाज के नेताओं के बीच विशेष जिम्मेदारी दी गई। इन नेताओं ने बंगाली समाज को भाजपा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे चुनाव में भाजपा की जीत का रास्ता और आसान हो गया।

बंगाली समुदाय की संगठित रणनीति ने बदला चुनावी समीकरण
इस चुनाव में बंगाली समुदाय के भाजपा के पक्ष में एकजुट होने के कारण दिल्ली की राजनीति में एक नया समीकरण देखने को मिला। संगठित प्रयासों और प्रकोष्ठ की सटीक रणनीति ने यह सुनिश्चित किया कि भाजपा को अधिकतम बंगाली मतदाताओं का समर्थन मिले।
भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत में बंगाली समाज की निर्णायक भूमिका को देखते हुए अब अन्य राजनीतिक दल भी इस समुदाय को साधने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन इस चुनाव में बंगाली वोटरों ने भाजपा पर जो भरोसा जताया, वह पार्टी के लिए आने वाले चुनावों में भी एक मजबूत आधार तैयार कर सकता है।