बिहार में विधानसभा चुनाव और महापर्व छठ से पहले केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि यात्रियों की सुविधा के लिए 12,000 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी ताकि किसी को भी घर जाने में परेशानी न हो। यह घोषणा खुद मोदी सरकार की ओर से की गई थी और दावा किया गया था कि कोई भी यात्री टिकट या सीट की समस्या से नहीं जूझेगा।
लेकिन ज़मीनी सच्चाई इस दावे से बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है। बिहार जाने वाली ज़्यादातर ट्रेनों में इन दिनों पैर रखने तक की जगह नहीं है। टिकट मिलना नामुमकिन हो गया है, और कई ट्रेनों में क्षमता से दोगुने से भी ज़्यादा यात्री सफर कर रहे हैं। स्टेशनों पर लंबी-लंबी कतारें और अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिल रहा है।
इन हालातों को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी — दोनों ने ही सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर मोदी सरकार को घेरा है।
राहुल गांधी का हमला — “कहाँ हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें?”
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में लिखा,
“त्योहारों का महीना है — दिवाली, भाई दूज और छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ़ आस्था नहीं, बल्कि घर लौटने की लालसा है — मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह और गाँव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है।”
उन्होंने आगे कहा कि,
“बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना नामुमकिन है और सफ़र अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200% तक यात्री सवार हैं, लोग दरवाज़ों और छतों तक लटके हैं। ‘डबल इंजन सरकार’ के सारे दावे खोखले साबित हुए हैं।”
राहुल गांधी ने सवाल उठाया —
“कहाँ हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें जिनका मोदी सरकार ने वादा किया था? हर साल हालात और बदतर क्यों हो रहे हैं? बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को क्यों मजबूर हैं? अगर राज्य में रोज़गार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हज़ारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता।”
त्योहारों का महीना है – दिवाली, भाईदूज, छठ।
बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ़ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है – मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन।लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है। बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफ़र… pic.twitter.com/hjrYJJFJ0F
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 25, 2025
उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ़ मजबूर यात्री नहीं, बल्कि NDA की “धोखेबाज़ नीतियों और नीयत” का जीता-जागता सबूत हैं।
“यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो — यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।”
लालू यादव ने भी साधा निशाना
राहुल गांधी से पहले लालू प्रसाद यादव ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा,
“झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार ने शेखी बघारते हुए कहा था कि देश की कुल 13,198 ट्रेनों में से 12,000 रेलगाड़ियां छठ पर्व के अवसर पर बिहार के लिए चलाई जाएंगी। यह भी एक सफेद झूठ निकला है।”
यात्रियों की परेशानी जारी
रेलवे के तमाम दावों के बावजूद बिहार लौटने वाले प्रवासी मजदूरों और यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई ट्रेनों में क्षमता से दोगुने यात्री सफर कर रहे हैं, और लोग टिकट पाने के लिए घंटों लाइन में खड़े हैं।
छठ पर्व की तैयारियों के बीच, ट्रेन यात्रा की यह जद्दोजहद न केवल यात्रियों के धैर्य की परीक्षा ले रही है, बल्कि मोदी सरकार के “12,000 ट्रेनों के वादे” पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।














