Saturday, December 13, 2025
Your Dream Technologies
HomeInternationalबांग्लादेश की 13वीं संसदीय चुनाव और जनमत संग्रह 12 फरवरी 2026 को...

बांग्लादेश की 13वीं संसदीय चुनाव और जनमत संग्रह 12 फरवरी 2026 को — समय एक घंटा बढ़ाया गया।

बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त ए.एम.एम. नासिर उद्दीन ने घोषणा की है कि देश की 13वीं राष्ट्रीय संसदीय चुनाव और उसी दिन जुलाई चार्टर (संवैधानिक सुधारों) पर जनमत संग्रह 12 फ़रवरी 2026 को एक साथ कराए जाएंगे। चुनाव आयोग ने मतदान समय बढ़ाकर सुबह 7:30 बजे से शाम 4:30 बजे कर दिया है ताकि एक ही दिन दो-मतपत्र प्रक्रिया सुगम हो सके।


मुख्य बातें (तुरंत पढ़ने के लिए)

मतदान तिथि: 12 फरवरी 2026.

मतदान समय: सुबह 7:30 — शाम 4:30 (पहले से एक घंटा अधिक)। कारण: एक ही दिन पर संसदीय और जनमत संग्रह दोनों।

नामांकन की अंतिम तिथि: 29 दिसंबर 2025; नामांकन-पत्रों की जाँच 30 दिसंबर — 4 जनवरी; प्रत्याशियों के वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी; सिंबल आवंटन 21 जनवरी।

मतदाता संख्या: लगभग 1.28 करोड़ (127–128 मिलियन) पंजीकृत मतदाता।

विदेशी मतदाता (Postal Vote): इलेक्शन कमीशन ने पहली बार व्यापक पोस्टल-वोट व्यवस्था शुरू की है; लाखों प्रवासियों ने पंजीकरण शुरू कर दिया है।

जनमत संग्रह: ‘जुलाई चार्टर’ पर मतदान — संवैधानिक सुधारों और शासन-ढांचे में बदलाव से जुड़ा प्रस्ताव।


पृष्ठभूमि और राजनीतिक परिदृश्य (संक्षेप)

पिछले साल हुए छात्र-आंदोलन और विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा और उनके नेतृत्व वाली अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है — इसलिए पार्टी इस चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएगी। देश में वर्तमान में मोहम्मद यूनूस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार है, जो चुनावों और सुधारों की प्रक्रिया संचालित कर रही है। यह चुनाव इसलिए भी संवेदनशील माना जा रहा है क्योंकि राजनीतिक ध्रुवीकरण और कानून-व्यवस्था के मुद्दे चर्चा में हैं।


चुनाव-प्रशासन (EC की तैयारियाँ)

आयोग ने मतदान समय बढ़ाया है और चुनाव सामग्री मतदान से पहले रात को पोलिंग-सेंटर्स पर पहुँचाने का निर्देश दिया है। कड़े चुनावी आचार-सहिता के लागू रहने और स्वतंत्र मतदान सुनिश्चित करने के लिए जिलेवार अधिकारियों का विशेष तैनाती कार्यक्रम रखा गया है।


मुकाबला किसके बीच?

एनालिस्टों और पार्टियों के बयान के मुताबिक मुख्य प्रतिस्पर्धा BNP (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी), जमात-ए-इस्लामी और नवगठित NCP (नेशनल सिटिजन पार्टी) के बीच मानी जा रही है — हालाँकि अवामी लीग की गैर-हाज़िरी पूरे राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगी।


पढ़ने/समझने योग्य छोटा विश्लेषण

1.दो मतपत्र एक ही दिन: संसदीय वोट और जनमत-संग्रह दोनों एक साथ होने से प्रशासनिक चुनौती बढ़ती है — मतदान व काउंटिंग दोनों में समन्वय और पारदर्शिता पर निगाह रहेगी।

2.प्रवासियों की भागीदारी: पोस्टल-वोट व्यवस्था और लाखों प्रवासी पंजीकरण चुनाव पर असर डाल सकते हैं — आयोग ने इसके नियमन के लिये ऐप और लॉजिस्टिक्स तैयार किये हैं।

3.वैश्विक निगरानी की संभावना: संवेदनशीलता और राजनीतिक परिवर्तन के कारण अंतरराष्ट्रीय निगरानी और विश्लेषण की संभावना अधिक है; चुनाव का निष्पक्ष संचालन देश की वैधता और स्थिरता दोनों के लिए निर्णायक होगा। Reuters

- Advertisement -
Your Dream Technologies
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button