दिल्ली: 20 अगस्त की सुबह सिविल लाइंस स्थित कैंप कार्यालय में जन-सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें अस्थायी रूप से Z-कैटेगरी की CRPF सुरक्षा दी थी। अब गृह मंत्रालय ने यह आदेश वापस लेते हुए उनकी सुरक्षा का दायित्व फिर से दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है।
हमला और तत्काल घटनाक्रम
सुबह करीब 11 बजे 51 वर्षीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने कैंप कार्यालय में जनता की शिकायतें सुन रही थीं। उसी दौरान अचानक एक व्यक्ति ने उन पर हमला कर दिया। सीएम कार्यालय ने इसे “हत्या की पूर्वनियोजित साजिश” करार दिया। मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने हमलावर को तुरंत दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
केंद्र की प्रतिक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव
हमले के अगले ही दिन—21 अगस्त—केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ की वीआईपी सिक्योरिटी यूनिट को निर्देश दिया कि वे मुख्यमंत्री को Z-कैटेगरी सुरक्षा प्रदान करें। हालांकि, बाद में समीक्षा के बाद इस निर्णय को बदला गया और सुरक्षा कवर हटा लिया गया। अब उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी एक बार फिर दिल्ली पुलिस को दी गई है। सूत्रों का कहना है कि यह बदलाव “सुरक्षा आकलन” की प्रक्रिया का हिस्सा है।
गिरफ्तारी और पुलिस जांच
दिल्ली पुलिस ने इस हमले के मामले में दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। मुख्य आरोपी 41 वर्षीय सकरिया राजेशभाई खिमजी, जो राजकोट (गुजरात) का निवासी और पेशे से ऑटो-रिक्शा चालक है, को घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस शुरुआती जांच में हमले के मकसद और संभावित साजिश की पड़ताल कर रही है।
आगे की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है। फोरेंसिक विशेषज्ञों और जांच टीमों को सबूत इकट्ठा करने के लिए लगाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली प्रशासन और केंद्र सरकार के बीच निरंतर समन्वय बना हुआ है। आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षा में और बदलाव किए जा सकते हैं।














