नई दिल्ली — भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के अमर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी की आज सातवीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर पूरा राष्ट्र उन्हें श्रद्धा और कृतज्ञता के साथ याद कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई केंद्रीय मंत्री और गणमान्य नेताओं ने उनके स्मारक ‘सदैव अटल’ पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की।
अटल जी के योगदान को नमन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा —
“अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण कर रहा हूं। राष्ट्र की प्रगति के प्रति उनका समर्पण और सेवा की भावना हमें निरंतर आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करती रहेगी।”
Remembering Atal Ji on his Punya Tithi. His dedication and spirit of service towards the all-round progress of India continue to inspire everyone in building a developed and self-reliant India.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भावुक शब्दों में श्रद्धांजलि देते हुए कहा —
“अटल जी ने जीवन भर एक मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए कार्य किया। राष्ट्र उन्हें उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए सदैव याद रखेगा।”
केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा, किरेन रिजिजू, गजेंद्र सिंह शेखावत, जेडीयू नेता संजय झा, और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता समेत कई हस्तियों ने भी ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की।
अटल जी का जीवन और योगदान
25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति में वह शख्सियत बने जिन्होंने पहली बार भारतीय जनता पार्टी को शीर्ष नेतृत्व तक पहुँचाया। वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे और पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।
प्रधानमंत्री बनने से पहले वे विदेश मंत्री भी रहे और अपनी कूटनीतिक समझ से भारत की वैश्विक छवि को नई ऊँचाई दी। उन्होंने आर्थिक सुधारों, परमाणु परीक्षण, बुनियादी ढांचे के विकास और पड़ोसी देशों से संवाद जैसे कदमों से देश को नई दिशा दी।
16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में अटल जी का निधन हुआ, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य, उनका राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण दृष्टिकोण और उनकी काव्यात्मक संवेदनशीलता हमेशा भारतीयों के हृदय में जीवित रहेगी।
आज उनकी पुण्यतिथि पर पूरा देश एक स्वर में यही कह रहा है —
“अटल जी के अथक प्रयासों और अद्भुत योगदान के लिए भारत सदैव ऋणी रहेगा।”