असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपने बेबाक बयानों और सख्त नीतिगत फैसलों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में राज्य कैबिनेट ने एक अहम कदम उठाते हुए बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों को लेकर भी गंभीर चिंता जताई है।
सीएम ने दी जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों की जानकारी
मीडिया से बातचीत के दौरान सरमा ने बताया कि साल 2001 से 2011 के बीच असम में मुस्लिम आबादी में तेज़ वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा,
“इन दस वर्षों में हिंदू और मुस्लिम समुदायों की जनसंख्या वृद्धि के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। प्रदेश के लगभग हर ब्लॉक में मुस्लिम जनसंख्या बढ़ रही है, जबकि हिंदू समुदाय में वृद्धि दर लगातार घट रही है।”
सीएम ने कहा कि यही कारण है कि सरकार सामाजिक संतुलन और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने आगे कहा,“बहुविवाह पर प्रतिबंध के बाद अब हमने भूमि बिक्री की अनुमति की जांच भी शुरू की है। इससे यह पता लगाया जाएगा कि किस तरह से प्रदेश में एक विशेष समुदाय को जमीनें बेची गई हैं।”
“असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025”
मुख्यमंत्री सरमा ने रविवार को घोषणा की थी कि राज्य मंत्रिमंडल ने ‘असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी है। इस कानून के तहत बहुविवाह करने वालों को सात साल तक की सजा हो सकती है। विधेयक को आगामी 25 नवंबर को विधानसभा में पेश किया जाएगा।
असम में मुस्लिम जनसंख्या का परिदृश्य
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2011 की जनगणना में असम में 1.24 करोड़ मुस्लिम आबादी दर्ज की गई थी। राज्य के 11 से अधिक जिले मुस्लिम बहुल थे। हाल के अनुमानों के मुताबिक, अब यह संख्या बढ़कर करीब 1.4 करोड़ तक पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि सरकार राज्य में “जनसंख्या नियंत्रण” और “सामाजिक सुधार” से जुड़ी नीतियों पर आगे भी काम करती रहेगी।














