
Arvind Kejriwal’s ‘Sheesh Mahal’ Controversy: दिल्ली की राजनीति में फिर भूचाल आ गया है! कभी आम आदमी की सरकार कहने वाली आम आदमी पार्टी अब ‘शीश महल’ के शीशे में फंसती नजर आ रही है। चुनाव हारने के बाद अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने उनके महलनुमा बंगले की गहराई से जांच करने का आदेश दिया है।
करोड़ों का खर्च, नियम-कायदों की अनदेखी!
BJP नेता विजेंद्र गुप्ता का दावा है कि “केजरीवाल सरकार ने सभी नियमों को ताक पर रखकर शीश महल तैयार किया।” CVC ने CPWD से रिपोर्ट मांगी है और गुप्ता का कहना है कि रिपोर्ट आते ही आम आदमी पार्टी की कथित ईमानदारी का परदा फाश हो जाएगा। यानी, जो सरकार झुग्गीवालों की आवाज बनने आई थी, उसने राजमहल बनाने में ही पूरी ताकत झोंक दी!
“जनता के पैसों से आलीशान बंगला, आम आदमी देखता रह गया!”
पूर्व मुख्यमंत्री के 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले को लेकर बीजेपी पहले से हमलावर थी। आरोप है कि 8 एकड़ में फैले बंगले को किसी भव्य हवेली में तब्दील कर दिया गया, और इसके लिए सरकारी संपत्तियों तक को नहीं बख्शा गया! विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि “राजपुर रोड के सरकारी आवासों को ध्वस्त कर बंगले में मिला दिया गया।”
मतलब, दिल्ली में लाखों लोग किराए के घरों में रहने को मजबूर हैं और मुख्यमंत्री खुद को दिल्ली का मुगलिया सम्राट समझ बैठे थे!
“शीश महल के हर शीशे में झलक रही फिजूलखर्ची”
BJP नेता की शिकायत के मुताबिक, बंगले की भीतरू साज-सज्जा पर करदाताओं के पैसों से करोड़ों रुपये बहा दिए गए। यह कोई आम बंगला नहीं, बल्कि हीरे-जवाहरात से सजी शाही गुफा बन चुकी थी! महल के अंदर फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं, महंगे झूमर, कीमती पर्दे और फर्श पर विदेशी मार्बल बिछा दिए गए।
अब जनता यह पूछ रही है कि “कट्टर ईमानदार” कहने वाले नेता के इस राजमहल की बुनियाद आखिर “कट्टर बेईमानी” पर क्यों रखी गई?
BJP बोली – “अब पूरा खेल उजागर होगा!”
बीजेपी ने चुनाव के दौरान इस मुद्दे को जमकर उछाला था, लेकिन अब CVC की जांच से यह मामला और गर्मा गया है। विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि “रिपोर्ट आते ही आम आदमी पार्टी का असली चेहरा जनता के सामने होगा।”
अब सवाल ये है कि केजरीवाल इस पर क्या सफाई देंगे? क्या वह इसे भी “झूठा मामला” कहकर बच निकलेंगे, या फिर शीश महल का हर शीशा उनकी राजनीति को तार-तार कर देगा?
जनता की अदालत में यह केस अब लंबा चलने वाला है, बस देखना ये है कि “महल सलामत रहता है या शीशे चकनाचूर हो जाते हैं!”