
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए संसद के कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिमों को दिए गए 4% आरक्षण को ‘लॉलीपॉप’ बताते हुए कहा कि धर्म आधारित आरक्षण संविधान विरोधी है और अदालतें इसे खारिज कर देंगी।
“संसद नियमों से चलती है, न कि कांग्रेस के परिवारवाद से”
अमित शाह ने राहुल गांधी की संसद में कार्यशैली की आलोचना करते हुए कहा कि लोकसभा में उन्हें बोलने का पर्याप्त समय दिया गया, लेकिन वे वियतनाम दौरे पर थे। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को बजट सत्र में 42% समय दिया गया, अब यह तय करना उनका काम है कि उनकी पार्टी की ओर से कौन बोलेगा। लेकिन जब वे विदेश में थे, तब चर्चा जारी थी और जब लौटे तो मनमर्जी से संसद में बोलने की मांग करने लगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि संसद नियमों और प्रक्रियाओं के आधार पर चलती है, कांग्रेस पार्टी की तरह नहीं, जहां एक परिवार मनमाने ढंग से फैसले लेता है।
“मुस्लिम आरक्षण का कांग्रेस का लॉलीपॉप, धर्म आधारित आरक्षण असंवैधानिक”
अमित शाह ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिमों को दिए गए 4% आरक्षण को लॉलीपॉप करार दिया और कहा कि यह संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा धर्म के आधार पर किसी भी आरक्षण का पूरी तरह से विरोध करती है और इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी।
“आपातकाल होता तो कांग्रेस नेता जेल में होते”
राहुल गांधी द्वारा देश में आपातकाल जैसे हालात होने के आरोप पर शाह ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “अगर सच में देश में आपातकाल जैसी स्थिति होती, तो विपक्षी नेता जेल में होते।” उन्होंने कांग्रेस को याद दिलाया कि इंदिरा गांधी के शासनकाल में वास्तविक आपातकाल के दौरान विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।
“जाति आधारित जनगणना पर कांग्रेस का दोहरा रवैया”
गृह मंत्री ने कांग्रेस द्वारा जातिगत जनगणना की मांग को ढोंग करार दिया और कहा कि इसी पार्टी ने अतीत में इस तरह की कवायद का विरोध किया था। उन्होंने कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ के लिए जाति और धर्म के मुद्दों को भुनाने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी का पलटवार – “मुझे बोलने नहीं दिया जाता”
राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर आरोप लगाया कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों की भूमिका होती है, लेकिन इस सदन में विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं है। जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता।”
शाह बनाम राहुल – 2024 चुनाव की नई जंग?
अमित शाह और राहुल गांधी के बीच यह तीखी बहस आगामी 2024 लोकसभा चुनावों की रणनीति का संकेत देती है। भाजपा जहां राष्ट्रवाद और संविधान की रक्षा का एजेंडा आगे बढ़ा रही है, वहीं कांग्रेस खुद को लोकतंत्र का रक्षक बताने की कोशिश कर रही है।

VIKAS TRIPATHI
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