अजमेर। अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका को निचली अदालत ने बुधवार को स्वीकार कर लिया है। अदालत ने सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर 20 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय की है।
क्या है याचिका में?
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को शिव मंदिर बताते हुए अदालत में याचिका दाखिल की है। याचिका में दरगाह को एक हिंदू पूजन स्थल बताते हुए इसे हिंदू धर्मस्थल घोषित करने की मांग की गई है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
‘ओम’ और ‘स्वास्तिक’ चिह्न का दावा
हिंदू पक्ष का दावा है कि दरगाह की खिड़कियों पर ‘ओम’ और ‘स्वास्तिक’ के चिह्न मौजूद हैं, जो इस स्थान के हिंदू मूल का प्रमाण हैं।
पहले भी उठ चुका है शिव मंदिर होने का दावा
यह पहली बार नहीं है जब अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताया गया हो। 2022 में भी महाराणा प्रताप सेना नामक हिंदू संगठन ने यह दावा करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। उस पत्र में दरगाह की जांच कराने और इसे मंदिर घोषित करने की मांग की गई थी।
अब अदालत में यह मामला नई दिशा में बढ़ता दिख रहा है। 20 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में अदालत क्या फैसला सुनाएगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
VIKAS TRIPATHI
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