आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के उस बयान की निन्दा की है जिसमें, उनके मुताबिक, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान पर सवाल उठाए गए। ढांडा ने कहा कि ऐसे बयान किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं हैं और यह केवल एक नेता की टिप्पणी नहीं, बल्कि भाजपा की दलित-विरोधी सोच और नफरत की जड़ को उजागर करता है।
ढांडा का कहना है कि बाबा साहब को संविधान निर्माता के रूप में छोटी नजर से दिखाने की कोशिश सीधे-सीधे दलित समाज का अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का इतिहास अनेक मौकों पर आबेदन और अपमान के किस्सों से भरा हुआ है — संसद में अंबेडकर का तिरस्कार करना, उन्हें ‘ट्रेंड’ बताकर उनका मज़ाक बनाना, संविधान बदलने की बातें कर उनके बनाए दस्तावेज़ की अवहेलना करने का प्रयास और दलित समाज से आने वाले न्यायाधीशों पर आरोप-प्रचार कर उन्हें बदनाम करने की कवायद — ये सब इसी सोच का हिस्सा हैं।
ढांडा ने विशेष रूप से कहा: “खट्टर का बयान सिर्फ उनका व्यक्तिगत मत नहीं है; यह भाजपा की उस गंदी सोच को दोहराता है जो दलितों और उनके सम्मान के खिलाफ रही है। बाबा साहब ने हमारा संविधान तैयार किया — उन्हें छोटा नहीं किया जा सकता।”
आम आदमी पार्टी ने तत्काल कदम उठाते हुए मांग की है कि मनोहर लाल खट्टर अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। AAP का तर्क है कि यदि भाजपा खट्टर के बयान से सहमत रहती है तो यह स्पष्ट संकेत होगा कि वह दलितों और बाबा साहब अंबेडकर के खिलाफ है।
समापन में अनुराग ढांडा ने दोहराया कि बाबा साहब का योगदान इतिहास में स्थायी है — “वह संविधान निर्माता थे, हैं और रहेंगे” — और नेताओं को ऐसे बयानों से परहेज़ करना चाहिए जो समाज के संवेदनशील वर्गों के सम्मान को ठेस पहुँचाएँ।














