पीएम मोदी ने कहा, विपक्ष अपने मुद्दे उठाए. पराजय की निराशा से बाहर निकले. एक दो दल तो ऐसे हैं कि पराजय को पचा नहीं पा रहे. संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरी सभी से अपील है कि पराजय की बौखलाहट को मैदान नहीं बनाना नहीं चाहिए. विजय के अहंकार में भी लोगों को नहीं आना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ड्रामा करने के लिए जगह बहुत है. यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी चाहिए. पूरे देश में जाकर नारे लगाए. यहां नारा नहीं नीति पर बल देना चाहिए. नेगेटिविटी को अपने मर्यादाओं में रखकर नेशन बिल्डिंग में लगाए. बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा. लोकसभा ने चर्चा के लिए 10 घंटे आवंटित किए हैं.
SIR पर हो सकता है हंगामा
विपक्ष SIR पर चर्चा चाहता है. विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि सोमवार दोपहर दो बजे एसआईआर पर चर्चा शुरू हो और संसद सुचारू रूप से चले, लेकिन सरकार तैयार नहीं हुई. विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी व्यवधान के लिए सरकार जिम्मेदार होगी.
Speaking at the start of the Winter Session of Parliament. May the session witness productive discussions. https://t.co/7e6UuclIoz
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2025
किरेन रिजिजू ने रविवार को कहा, सर्वदलीय बैठक में जो भी सुझाव आए हैं, उनको विचार के बाद बीएसी (कार्य मंत्रणा समिति) में रखा जाएगा. कुल मिलाकर 36 दलों के 50 नेता शामिल हुए. सरकार की तरफ से आश्चासन देता हूं कि संसद का शीतकालीन सत्र अच्छी तरह से चलाने के लिए विपक्ष के साथ बातचीत करते रहेंगे. विपक्षी दलों के नेताओं से अनुरोध है कि संसद को अच्छी तरह से चलाने में सहयोग करें.
रिजिजू ने कहा, लोकतंत्र, विशेष रूप से संसदीय लोकतंत्र में गतिरोध होता है, राजनीतिक दलों में मतभेद होते हैं. इसके बावजूद हम सब तय करें कि सदन में गतिरोध पैदा नहीं करना है और अपनी बात रखकर विरोध दर्ज कराना है, तो सदन चलेगा.
उन्होंने एसआईआर मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर कहा, विपक्षी दलों में कई नेता हैं, जो संसद चलाना और मुद्दे उठाना चाहते हैं. इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि सभी विपक्षी दल एसआईआर का मुद्दा उठाकर संसद की कार्यवाही बाधित करना चाहते हैं.














