संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा और कुल 19 दिनों में करीब 15 बैठकें आयोजित होंगी — सत्र से एक दिन पहले रविवार (30 नवंबर) को सरकार ने विपक्ष के साथ सर्वदलीय बैठक बुलाकर हंगामा टालने की कोशिश की।
सर्वदलीय बैठक — क्या हुआ, कौन शामिल था
सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने इस सर्वदलीय बैठक को बुलाया और कहा कि बैठक में सभी पार्टियों की बात सुनी जाएगी तथा सत्र के सुचारू संचालन के लिए सहयोग मांगा गया। बैठक में केंद्रीय मंत्रियों और विपक्ष के कई बड़े नेता उपस्थित रहे — सूत्रों के अनुसार इसमें पार्टी-फ्लोर लीडर्स और पार्लियामेंटरी लीडर शामिल थे। विपक्ष की तरफ कांग्रेस, टीएमसी, सपा समेत कई दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
SIR क्या है और क्यों विवाद
SIR यहाँ ‘Special Intensive Revision’ (मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया को संदर्भित करता है — यानी कई राज्यों में चल रही मतदाता सूचियों की गहन समीक्षा/ संशोधन प्रक्रिया। इस प्रक्रिया के ड्राफ्ट/तिथियों, BLO की तैनाती और फॉर्म भरने की व्यवस्था को लेकर विविध आरोप-प्रत्यारोप और शिकायतें सामने आई हैं, इसलिए विपक्ष ने इसे गंभीर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक सवाल के रूप में उठाया है।
इसी कारण संसद सत्र शुरू होने से पहले SIR मामले को लेकर तेज रुख अपनाने की तैयारी दिखाई दे रही है — विपक्षीय दलों ने कहा है कि वे सत्र में SIR पर लगातार प्रश्न उठाएंगे और आवश्यकता पड़ी तो हंगामा करेंगे। कुछ पार्टियों ने सड़क स्तर पर भी इस मुद्दे को उठाने की बात कही है।
#WATCH | Delhi: All-party meeting is underway ahead of the winter session of Parliament
The Winter Session of Parliament will begin from 1st December and will continue till 19th December pic.twitter.com/MQWpKbJqqJ
— ANI (@ANI) November 30, 2025
चुनाव आयोग ने SIR की डेडलाइन बढ़ाई
SIR प्रक्रियात्मक दिक्कतों और जमीन पर कार्यबल की कमी के हवाले से चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में SIR फॉर्म जमा करने की समय-सीमा बढ़ाकर 11 दिसंबर 2025 कर दी है — आयोग ने कहा कि कुछ राज्यों में BLO व अन्य काम में व्यवधान के कारण समय बढ़ाना जरूरी था। यह फैसला चर्चा का बड़ा कारण बना और विपक्ष इसे सरकार/आयोग के रवैये पर सवाल उठाने का आधार बना रहा है।
विपक्ष-सरकार की जंग: बयान और आरोप
सर्वदलीय बैठक से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने सरकार पर तीखे आरोप लगाए और कहा कि “अब वोट की चोरी नहीं — वोट की डकैती हो रही है” — उनका यह रुख सत्र में जारी रहने की संभावना है। विपक्ष ने आरोप लगाए हैं कि SIR के चलते मतदाता सूची में अनियमितताएं हो रही हैं, जबकि सरकार ने सत्र के कामकाज के दौरान ठंडे दिमाग से पारंपरिक संसदीय व्यवहार बनाए रखने का आह्वान किया।
सरकार की तरफ से भी यह दलील आ रही है कि अगर प्रक्रियागत समस्याएँ थीं तो उन्हें चुनाव आयोग से सुलझाया जा रहा है तथा सत्र के दौरान विधायी कामकाज पर केंद्रित रहने की कोशिश होगी। संसदीय कार्य मंत्री ने सदनों में जीवंत parlamentar परंपरा बनाए रखने का आग्रह किया।
#WATCH | Delhi: On all-party meeting ahead of Parliament Winter Session, RJD leader Manoj Kumar Jha says, “… Most of political discussions are fictional, while the basic issues of the public are being ignored. I hope the government thinks beyond elections. From India’s GDP… pic.twitter.com/aNERaoKX8t
— ANI (@ANI) November 30, 2025
सरकार का विधायी एजेंडा — कौन-कौन से बिल आ सकते हैं
सरकार इस सत्र में कई अहम विधेयक पेश करने की योजना बना रही है — समाचारों में 10 से लेकर 14 तक प्रमुख बिलों का जिक्र किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार इनमें एटॉमिक एनर्जी बिल, दिवाला/IBC से जुड़े संशोधन, बीमा और सिक्योरिटीज से जुड़े विधेयक, उच्च शिक्षा आयोग, राष्ट्रीय राजमार्ग व कुछ आर्थिक/सुरक्षा संबंधी कानून शामिल होने की संभावना है। सरकार ने कहा है कि वह अपने एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहती है।
सत्र में क्या देखने को मिल सकता है — संभावित परिदृश्य
1.पहला हफ्ता: सरकार अपने प्रमुख विधेयकों को तेज़ी से आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी; वहीं विपक्ष SIR और चुनाव आयोग के सवालों को जोर दे सकता है।
2.मध्य-सत्र: यदि SIR पर विपक्ष ने सेट-अप रखा तो सदन में हंगामा और बहस के दृश्य आम होने चाहिए — इससे विधायी कार्य प्रभावित भी हो सकते हैं।
3.निष्कर्ष/सम्भावना: दोनों पक्षों के बीच गठजोड़-रणनीति और पब्लिक रैलियों के संकेत सत्र के बहस-मिज़ाज को और धार दे सकते हैं — ऐसी स्थिति में सदन का संचालन शांति से कराना स्पीकर/चेयर की चुनौती बनेगी।
सरलीकरण और पारदर्शिता के लिए उल्लेखनीय बिंदु — SIR का पूरा नाम और विस्तार, चुनाव आयोग द्वारा डेडलाइन में बदलाव (11 दिसंबर तक) और किरेन रिजिजू द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक जैसी जानकारियाँ इस रिपोर्ट के मुख्य आधार रहे। यदि आप चाहें तो मैं इस खबर को और अधिक विस्तार (उदा. — प्रासंगिक राज्य-वार SIR शेड्यूल, चुनाव आयोग का आधिकारिक आदेश का अंश, या विपक्ष/सरकार के और उद्धरण) के साथ अपडेट कर दूँ — बताइए किस तरह का विस्तार चाहेंगे।














