Tuesday, July 1, 2025
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जेपी इंफ्राटेक अब हो गई….. दिवालिया नई कंपनी बनाएगी 20 हजार फ्लैट!

जेपी इंफ्राटेक अब हो गई दिवालिया

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सक्रिय सबसे बड़ी बिल्डर कंपनी जेपी इंफ्राटेक को कानूनी रूप से दिवालिया घोषित कर दिया गया है। पहले ही वित्तीय संकट में घिरी इस कंपनी को अब राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने दिवालिया घोषित कर दिया है।

NCLT ने सुरक्षा समूह की बोली को मंजूरी देते हुए जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण का निर्णय लिया है। इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जेपी इंफ्राटेक की अधूरी परियोजनाओं के 20,000 फ्लैट खरीदारों के लिए उम्मीद जगी है।

मुंबई स्थित सुरक्षा समूह को NCLT ने मंजूरी दी है और इससे 20,000 घर खरीदारों के रुके हुए फ्लैटों का निर्माण शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।

सुरक्षा ग्रुप बनाएगा 20 हजार लोगों के फ्लैट्स..

NCLT के अध्यक्ष रामलिंगम सुधाकर की अगुवाई वाली दो सदस्यीय प्रधान बेंच ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (JIL) के अधिग्रहण के लिए सुरक्षा समूह की बोली को मंजूरी दी है। सुरक्षा समूह ने कर्ज समाधान प्रक्रिया के तहत अपनी बोली लगाई थी और इसे जून 2021 में कर्जदाताओं की समिति (CoC) द्वारा मंजूरी दी गई थी।

NCLT के इस फैसले से सालों से इंतजार कर रहे खरीदारों को राहत मिली है। जेपी इंफ्राटेक की दिवाला समाधान प्रक्रिया अगस्त 2017 में शुरू हुई थी और इसे उन 12 कंपनियों में शामिल किया गया था जिनके खिलाफ रिजर्व बैंक ने सबसे पहले दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था।

सुरक्षा समूह ने अपने समाधान प्रस्ताव में कर्जदाता बैंकों को गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी कर करीब 1,300 करोड़ रुपये और 2,500 एकड़ से अधिक जमीन देने की पेशकश की थी। इसके अलावा समूह ने चार साल में सभी अधूरे फ्लैटों का निर्माण पूरा करने का भी भरोसा दिलाया था।

क्या कहा है NCLT ने..

NCLT ने जेपी इंफ्राटेक के समाधान पेशेवर की अर्जी पर पिछले साल 22 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इस याचिका में कंपनी की लंबित परियोजनाओं के तहत 20,000 फ्लैटों के निर्माण की सुरक्षा समूह को अनुमति देने की अपील की गई थी।

न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, आईसीआईसीआई बैंक और जेपी इंफ्राटेक की मूल कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) की आपत्तियों को खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद JAL ने साल 2018 में रजिस्ट्री के पास 750 करोड़ रुपये जमा कराए थे। NCLT ने अपने फैसले में कहा कि JAL द्वारा जमा किए गए 750 करोड़ रुपये में से JIL को 542.62 करोड़ रुपये मिलेंगे जबकि 106.9 करोड़ रुपये घर खरीदारों के एस्क्रो खाते में जमा होंगे। JAL को 100.48 करोड़ रुपये ब्याज के साथ लौटा दिए जाएंगे!

एक बड़ी कमेटी बनेगी..

NCLT ने जेपी इंफ्राटेक की अटकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अंतरिम समाधान पेशेवर को एक निगरानी समिति बनाने को भी कहा है। यह समिति समाधान योजना को तेजी से लागू करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी और सात दिन के भीतर इस समिति का गठन करना होगा।

निगरानी समिति अधूरी परियोजनाओं की प्रगति की दैनिक आधार पर निगरानी करेगी और मासिक आधार पर इसकी प्रगति रिपोर्ट NCLT के समक्ष पेश करेगी।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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