पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 की तैयारियों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पदाधिकारियों और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेताओं की एक अहम बैठक कोलकाता स्थित संघ मुख्यालय में आयोजित की गई।यह बैठक 15 अक्टूबर को गुप्त रूप से हुई, जिसमें आगामी चुनाव को लेकर विस्तृत रणनीति तैयार की गई।बैठक में यह माना गया कि 2021 के चुनाव में कार्यकर्ताओं का जोश तो अधिक था, लेकिन जमीनी तैयारी कमजोर रह गई थी। इस बार पार्टी ने उन कमजोरियों को दूर करते हुए बूथ स्तर तक मजबूत संगठनात्मक ढांचा तैयार किया है।
रणनीति: नीतिगत विफलताओं पर हमला, व्यक्तिगत आलोचना से परहेज़
बैठक में तय किया गया कि इस बार भाजपा का फोकस राज्य सरकार की नीतिगत असफलताओं और भ्रष्टाचार पर रहेगा।हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत हमले नहीं किए जाएंगे।मुख्य लक्ष्य रहेगा—स्थानीय कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास जगाना और 2021 के बाद के डर के माहौल को खत्म करना।
मुख्य एजेंडा: बांग्लादेशी घुसपैठ और भ्रष्टाचार पर प्रहार
भाजपा और आरएसएस की संयुक्त रणनीति के तहत, राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमावर्ती जिलों का जनसांख्यिकीय असंतुलन और बांग्लादेशी घुसपैठ को इस बार चुनाव का केंद्रीय मुद्दा बनाया जाएगा।घुसपैठ को राज्य की कानून-व्यवस्था, बेरोज़गारी और आर्थिक अस्थिरता से जोड़कर जनता के बीच उठाया जाएगा।इसके साथ ही राज्य सरकार की भूमिका को लेकर एक ‘पोल-खोल अभियान’ चलाने की भी योजना है, जिसमें स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत और निष्क्रियता को उजागर किया जाएगा।
जनसांख्यिकीय बदलाव पर जनजागरण अभियान
आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं को राज्य के विभिन्न जिलों में जनसंख्या संतुलन में हो रहे बदलावों पर जागरूकता अभियान चलाने का जिम्मा दिया गया है।लोगों को यह बताया जाएगा कि वोट बैंक राजनीति के चलते कई इलाकों में सांस्कृतिक और सामाजिक असंतुलन तेज़ी से बढ़ रहा है।
आर्थिक बदहाली और युवाओं का पलायन बनेगा बड़ा मुद्दा
रिपोर्ट में बताया गया कि बंगाल की अर्थव्यवस्था लगातार कमजोर हो रही है।नए उद्योग नहीं लग रहे, निवेश ठप है, और बड़ी संख्या में युवा रोजगार की तलाश में राज्य छोड़ रहे हैं।भाजपा इस आर्थिक बदहाली को अपने अभियान का मुख्य मुद्दा बनाएगी और दिखाएगी कि “परिवर्तन का वादा करने वाली सरकार” ने राज्य को पीछे धकेल दिया है।
भ्रष्टाचार पर बड़ा अभियान, मंत्रियों को घेरे में लेने की तैयारी
बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि शिक्षक भर्ती घोटाला, कोयला और बालू खनन घोटाले, तथा सरकारी योजनाओं में फंड के दुरुपयोग जैसे मामलों को जनता के बीच प्रमुखता से उठाया जाएगा।इन उदाहरणों के ज़रिए सरकार की नीतिगत साख और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए जाएंगे।
महिला सुरक्षा और बढ़ते अपराधों पर सड़कों पर उतरेगी पार्टी
राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि को लेकर भाजपा सड़क-स्तरीय आंदोलन छेड़ने की तैयारी कर रही है।महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन, जनजागरण अभियान और रैलियाँ आयोजित की जाएँगी।
उद्देश्य यह दिखाना है कि ममता सरकार महिला सुरक्षा के मोर्चे पर विफल रही है और राज्य की कानून-व्यवस्था चरमरा चुकी है।
उत्तर और दक्षिण बंगाल में होंगे हिंदू सम्मेलन
संघ के शताब्दी वर्ष कार्यक्रमों के तहत आरएसएस अगले वर्ष उत्तर और दक्षिण बंगाल में हिंदू सम्मेलन (Hindu Sammelan) आयोजित करेगा।इन आयोजनों में स्थानीय भाजपा नेताओं की भागीदारी को बढ़ाने की योजना है ताकि सांस्कृतिक और वैचारिक जुड़ाव मजबूत किया जा सके।
मजबूत बूथ प्रबंधन और जनसंपर्क पर जोर
बैठक के निष्कर्ष के अनुसार, भाजपा और आरएसएस अब बूथ स्तर पर मजबूत प्रबंधन और जनसंपर्क अभियान पर फोकस करेंगे।इस बार का चुनाव जमीनी संगठन की मजबूती और जनता के विश्वास पर टिका होगा।
बैठक में शामिल रहे प्रमुख नेता
बैठक में आरएसएस की ओर से सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, क्षेत्रीय और प्रांत प्रचारक शामिल हुए।
भाजपा की ओर से चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, सह प्रभारी बिप्लब देव, प्रदेश प्रभारी सुनील बंसल, और अमित मालवीय उपस्थित रहे।राज्य की ओर से संगठन मंत्री अमिताभ चक्रवर्ती और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भाग लिया, जबकि प्रदेश अध्यक्ष स्वास्थ्य कारणों से अनुपस्थित रहे।
संघ और भाजपा की यह संयुक्त रणनीति इस बात का संकेत है कि 2026 के चुनाव में संगठन, मुद्दों और बूथ स्तर की तैयारी पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाएगा।दोनों संगठनों का लक्ष्य है—राज्य में वैचारिक, सांस्कृतिक और विकास आधारित विकल्प पेश कर एक निर्णायक चुनावी मोड़ हासिल करना।