चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में जांच आगे बढ़ गई है। इस केस में अब एक नया मोड़ सामने आया है। चंडीगढ़ पुलिस ने आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पूरन को नोटिस भेजा है। पुलिस ने अमनीत पूरन से अपने पति का लैपटॉप सौंपने को कहा है, जिसे जांच में एक महत्वपूर्ण सबूत माना जा रहा है।
सुसाइड नोट की जांच के लिए लैपटॉप की मांग
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पूरन कुमार का लैपटॉप उनके सुसाइड नोट की सत्यता जांचने के लिए बेहद अहम है।
सूत्रों के अनुसार, सुसाइड नोट ड्राफ्ट फाइल में सेव था और पुलिस इसे CFSL (Central Forensic Science Laboratory) भेजकर यह पुष्टि करना चाहती है कि नोट वास्तव में आईपीएस पूरन कुमार ने ही अपने लैपटॉप से लिखा था या नहीं।
अब तक आईएएस अमनीत पूरन ने यह लैपटॉप SIT को नहीं सौंपा है। पुलिस का कहना है कि जांच में देरी इसी वजह से हो रही है।
कितने लोगों को भेजा गया था सुसाइड नोट, पुलिस कर रही जांच
चंडीगढ़ पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आईपीएस पूरन कुमार ने आत्महत्या से पहले किन-किन लोगों को सुसाइड नोट मेल किया था,
और क्या वह मेल आत्महत्या से पहले भेजे गए थे या बाद में किसी ऑटो-शेड्यूल के तहत गए।
इसके अलावा, जांच टीम यह भी पता लगा रही है कि मेल रिसीव करने वाले लोगों ने नोट को कब और कितनी देर बाद खोला।
सुसाइड नोट में कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप
इस केस में अब तक पुलिस को कोई ठोस निष्कर्ष नहीं मिला है।
पूरन कुमार के सुसाइड नोट में डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया, और कुछ अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
नोट में उन्होंने इन अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना, जातिगत भेदभाव और छवि खराब करने के गंभीर आरोप लगाए थे।
आरोपों के बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई की —
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नरेंद्र बिजारणिया का रोहतक से तबादला कर दिया गया।
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डीजीपी शत्रुजीत कपूर को लंबी छुट्टी पर भेजा गया।
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साथ ही, चंडीगढ़ पुलिस ने सुसाइड नोट में नामजद सभी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
मौत की गुत्थी अब भी बरकरार
हालांकि जांच की रफ्तार तेज हुई है, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि पूरन कुमार की मौत आत्महत्या थी या इसके पीछे कोई और वजह।
पुलिस का कहना है कि लैपटॉप मिलने के बाद ही कई अहम सवालों के जवाब सामने आ पाएंगे।